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विश्व धरोहर सप्ताह विशेष एक सच्चाई खंडहरो में गुम हो गया दूधई का पुरा वैभव

Wednesday, November 23, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

रखरखाव के अभाव में खंडहर होते जा रहे प्राचीन मंदिर

ललितपुर। जिले के पाली क्षेत्र के ग्राम दूधई में विंध्याचल पर्वत पर स्थित प्राचीन मंदिर रखरखाव के अभाव में खंडहर होते जा रहे हैं। बरसात के मौसम में यहां पर जाने के लिए रास्ते बंद हो जाते हैं। जनपद प्राचीन संपदाओं से भरा पड़ा है। पर्यटकों को लुभाने के लिए अनेक पर्यटन स्थल हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह बदहाली का शिकार होते जा रहे हैं। पाली तहसील के कनपुरा घाटी से पांच किलोमीटर दूर ग्राम दूधई विंध्याचल पर्वत श्रंखला पर स्थित है। यहां के प्राचीन शिव मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी के किनारे कच्चे कंकरीले-पथरीले रास्ते से होकर जाना पड़ता है। पूरब दिशा में आकर्षक नक्काशी युक्त पत्थरों से बना सूर्य मंदिर, पश्चिम दिशा में शिव मंदिर, उत्तर दिशा में चबूतरे में पर रखी भगवान बारह की प्रतिमा और पश्चिम दिशा में अनेक खंडहर मंदिर हैं। दक्षिण दिशा में सैकड़ों की संख्या में खंडहर प्रतिमाएं बिखरी पड़ी हैं। सूर्य मंदिर और शिव मंदिर सेंड स्टोन (पत्थरों) से बने हैं। मंदिरों का संतुलन इतना अच्छा है कि चाहे कितना भी आंधी-तूफान आए, लेकिन मंदिरों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। मंदिरों के पीछे बड़ा तालाब है। यह तालाब काफी लंबा व चौड़ा है। तालाब के पीछे पश्चिमी किनारे अनेक चौपड़े व कुएं हैं, जिनमें तालाब का पानी झिरकर आता है। इस कारण से यह चौपड़ा हमेशा स्वच्छ जल से भरे रहते हैं। चौंसठ योगिनी मंदिर ऊंचाई पर स्थित है। वरिष्ठ अधिवक्ता शरद चौबे जी बताते हैं कि कुछ दिनो पहले विंध्याचल पर्वत शृंखला पर स्थित सूर्य, शिव और जैन मंदिर भ्रमण हेतु जाना हुआ था लेकिन पुरा वैभव के साक्षात्कार करने के लिए कंकरीला-पथरीला पगडंडीनुमा रास्ता होने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना हुआ। रास्ता खराब होने की वजह से पर्यटकों को भी यहां जाने के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली। पुरातत्व विभाग द्वारा यह संरक्षित है, लेकिन सड़क नहीं बनने के कारण यहां तक पहुंचना बहुत कठिन हो जाता है। पुरा संपदा के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे अधिवक्ता मुकेश लोधी बताते है कि पाली हमारा क्षेत्र है कई बार मैं और मेरे साथी प्राचीन धरोहरों को देखने जाते है और अपने पुरा संपदा की दयनीय स्थिति देखकर आंखों में आसूं आ जाते हैं कुछ प्राचीन क्षेत्रों को छोड़कर अधिकांश स्थलो की प्रगति पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण रुकी हुई है। पाली क्षेत्र के समस्त मंदिर जिले के प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर अनेक प्राचीन प्रतिमाएं टुकड़ों में बिखरी पड़ी हैं, जिनका संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस कारण प्रतिमाएं धीरे-धीरे गायब होती जा रही हैं। सड़क निर्माण के लिए वन विभाग के नियमों के अनुसार अनुमति नहीं मिल पा रही है। इन क्षेत्रों को प्रचार- प्रसार की बहुत आवश्यकता है।

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