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सिद्धचक्र महामण्डल विधान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मच रही धूम

Sunday, November 6, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

कलाकारों ने सती चन्दनवाला नाटिका का किया मंचन

छठवें दिवस के विधान में किये गए 256 अर्घ्य समर्पित

मड़ावरा/ललितपुर। धर्मनगरी मड़ावरा में अष्टानिका महापर्व के पावन दिनों में आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के आज्ञानुवर्ती निर्यापक श्रमण अभय सागर, प्रभात सागर, निरीह सागर जी मुनिराज के मंगल सानिध्य व बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया के कुशल निर्देशन में विमलेश कुमार संतोष कुमार जैन बजाज परिवार के सौजन्य से आयोजित किये जा रहे 1008 श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान में दिन प्रति दिन प्रभु भक्ति की बयार बह रही है नित आयोजित किये जा रहे धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से श्रद्धालु आनंदित हो रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में वर्णी नगर मड़ावरा के स्थानीय कलाकारों ने कार्यक्रम निर्देशक संस्कृति सर्राफ के निर्देशन में सती चन्दनवाला नाटक का मंचन महावीर विद्याविहार के विशाल देशनाग्रह में किया गया नाटक के दौरान किये गए अभिनय और दृश्यों के मंचन को देखकर उपस्तिथ जनसमूह भावविह्वल हो गया सती चन्दनवाला जो कि एक राजा की पुत्री थी और राज्य में हुये युद्ध उपरांत वह भटककर जंगल पहुंच गयी जहां उसे अपने शीलव्रत को बचाने के लिए तरह तरह के अत्याचारों को सहना पड़ा। एक दयालु सेठ उसे अपने साथ घर ले आया किन्तु सेठ की सेठानी ने उसे गलत और सौतन के रूप में देखते हुए उस पर अत्याचार किये जबकि सेठ उसे पुत्रिवत मानता था सेठानी ने चन्दनवाला से ईष्यावश सेठ की अनुपस्तिथि में उसका सिर मुंडवाकर जेल की कोठरी में कैद कर दिया इसी दौरान संयोगवश उस समय भगवान महावीर तेरह बोल का अभिग्रह लेकर आहार के लिए भ्रमण कर रहे थे। वह सेठ के दरवाजे पहुंच गए और उन्हें चन्दनवाला ने आहार दान दिया आहार दान और उसके शीलव्रत का यह प्रभाव हुआ कि वह सारे बन्धनों से मुक्त हो गयी महासती चन्दनवाला ने भीषण अत्याचारों को सहते हुए अपने धर्म और शीलव्रत को नहीं डिगने दिया यही धर्म के मार्ग पर चलने का फल है हास्य कलाकार राजू सौंरया व अरुण बजाज द्वारा नाटक में भील राजा का अभिनय कर सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया नाटक में कलाकारों द्वारा किये गए अभिनय को सभी ने सराहा ।8नवम्बर तक आयोजित सिद्धचक्र महामण्डल विधान में प्रतिदिन ही नित्य नियम पूजा विधान,शांतिधारा आदि के उपरांत बढ़ते क्रम में जिनेन्द्र प्रभु को अर्घ्य समर्पित किये जा रहे हैं विधान के छठवें दिवस पर पुण्यार्जकों ने 256 अर्घ्य समर्पित किये व महाआरती करने का सौभाग्य महेंद्र कुमार विमलेश कुमार संतोष कुमार पुण्यार्जक परिवार को प्राप्त हुआ आयोजक मण्डल ने बताया कि सिद्धचक्र महामण्डल विधान के कार्यक्रमों में नित्य प्रतिदिन ही नियम पूजन भक्ति के साथ ही सांध्यकालीन महाआरती भोपाल से आये संगीतकार भूपेंद्र एंड पार्टी की सुमधुर स्वर लहरियों के साथ की जा रही है तदउपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा रहे हैं आयोजन में सकल दिगम्बर जैन समाज व चातुर्माश व्यवस्था समिति का पूर्ण मनोभाव से सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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