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संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा : डा. शास्त्री

Wednesday, November 16, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

ललितपुर। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आनलाइन संचालित 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा के बौद्धिक सत्र का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण से प्रारंभ किया गया। प्रारंभ में अतिथियों का परिचय एवं कार्यशाला का वृत्त कथन संस्थान के प्रशिक्षक सत्र संयोजक आचार्य दीनदयाल शुक्ल ने करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1976 से स्थापित उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ संस्कृत भाषा के विकास हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। विभिन्न माध्यमों के संस्कृत वाग्व्यवहार, कार्यशालाएं, ऑनलाइन संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यक्रम तथा अनेक सांस्कृतिक आयोजनों द्वारा संस्कृत भाषा के प्रसार में संलग्न प्रत्येक माह 3 से 4हजार छात्र-छात्राएं संस्कृत सीख रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में योग प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन किया जा रहा है। बौद्धिक सत्र में संपूर्ण देश से ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हुए प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती के प्रान्तीय उपाध्यक्ष नेहरू महाविद्यालय ललितपुर के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो डॉ ओम प्रकाश शास्त्री ने कहा कि संसार की अनेक प्राचीन सभ्यताएं विलुप्त हो चुकी हैं किंतु संस्कृत भाषा की वजह से भारतीय संस्कृति आज भी अपने स्थान पर अविचल खड़ी है, उन्होंने कहा कि संस्कृत विशुद्ध वैज्ञानिक भाषा है जिसमें ज्योतिष, वास्तु, योग, धर्म, दर्शन, एवं विज्ञान का भंडार है उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा संस्कृत  संस्कृत सीख कर इसमें छिपे जीवन और प्रकृति के रहस्यों को जानने का प्रयास करें, उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य में हमारे इतिहास पुरातन संस्कृति सभ्यता धर्म-कर्म आचार और व्यवहार निवद्ध है,जोभारत वासियों को एक सूत्र में बांधे रहता है संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब है इसके संवर्धन पर हमें ध्यान देना चाहिए उन्होंने कहा संस्कृत का अध्ययन एक भाषा का अध्ययन नहीं बल्कि संपूर्ण संस्कृति का अध्ययन है संस्कृत भाषा में निवद्ध आयुर्वेद आज भी संपूर्ण विश्व को चमत्कृत करता है उन्होंने कहा संस्कृत संसार की सबसे समृद्ध भाषा है वेद उपनिषद पुराण महाभारत गीता जैसे महान् ग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं जो संपूर्ण भारत वासियों को एकता के सूत्र में बांधे हुए, बौद्धिक सत्र में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ कुमार मिश्र निदेशक विनय कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी जगदानंद झा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे प्रारंभ में संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों के द्वारा अपना-अपना अनुभव लघु कथा एवं गीतों को प्रस्तुत किया गया बौद्धिक सत्र का संचालन डॉक्टर स्तुति गोस्वामी ने किया एवं मीना कुमारी ने आभार व्यक्त किया अंत में अनीता वर्मा के द्वारा कल्याण मंत्र के साथ सत्र समाप्त किया गया।

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