देश

national

निमोनिया के लक्षणों को पहचाने, समय पर इलाज कराएं

Friday, November 11, 2022

/ by Today Warta



मोहम्मद जमाल

विश्व निमोनिया दिवस (12 नवंबर) पर विशेष 

उन्नाव  निमोनिया की बीमारी कभी भी हो सकती है पर आमतौर पर छोटे बच्चों को निमोनिया जल्दी हो जाता है |  लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से ही हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.सत्यप्रकाश  बताते हैं कि निमोनिया में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और बुखार, कफ, सांस लेने में दिक्कत जैसी दिक्कतें होने लगती है| ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है | इसलिए बच्चे का शीघ्र इलाज कराना बहुत जरूरी होता है |  निमोनिया में फेफड़ों का संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस एवं फंगस के संक्रमण से होता है | जिससे कि दोनों फेफड़ों में सूजन आ जाती है या उसमें तरल पदार्थ भर जाता है | इसके लक्षण सर्दी जुकाम के लक्षण से बहुत अधिक मिलते हैं इसलिए जब भी ऐसा कुछ लगे तो पहले इसके लक्षणों की पहचान कर लें | बच्चे की सांस यदि तेज चले, कफ की आवाज आए तो निमोनिया हो सकता है | इसके अन्य लक्षणों में  सामान्य से तेज़ सांस या सांस लेने में परेशानी, सांस लेते या खांसते समय छाती में दर्द, खांसी के साथ पीले, हरे या जंग के रंग का बलगम, बुखार, कंपकंपी या ठंड लगना, पसीना आना, होंठ या नाखून नीले होना, उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कंपकंपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी हैं |बाल एवं प्रजनन स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा.हरिनंदन प्रसाद बताते हैं कि इस बीमारी का पूरी तरह से उपचार संभव है और एंटीबायोटिक्स के द्वारा इसका प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है | बच्चों में निमोनिया का मुख्य कारण कम वजन का होना, कुपोषण, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना , छह माह तक  केवल स्तनपान न कराया जाना, घरेलू प्रदूषण , टीकाकरण न होना तथा जन्मजात विकृतियाँ जैसी हृदय संबंधी, अस्थमा, कटे होंठ एवं तालू होना है |पाँच साल तक की आयु के बच्चों में, 15 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु निमोनिया के कारण होती है |सर्दी का मौसम आ गया है | ऐसे में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकलकोन्जुगेट (पीसीवी) का टीका लगवाना चाहिए | यह बच्चे को डेढ़  माह, ढाई माह,  साढ़े तीन माह और 15 माह में लगाए जाते हैं | इसके साथ ही समय से इन्फ्लुएंजा व खसरे का  टीका  लगवाना  चाहिए |  यह भी निमोनिया से बचाव करता है |साथ ही घर व आस-पास सफाई, पीने का साफ पानी होना चाहिए, घर प्रदूषण मुक्त होना चाहिए |  इसके अलावा केवल स्तनपान समुचित पूरक आहार का सेवन, संतुलित और पौष्टिक आहार, विटामिन ए की दवा  का सेवन कराना चाहिए |  इससे निमोनिया सहित कई बीमारियों से बचाया जा सकता है |

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'