राजेश सिंह
निकाय चुनाव को लेकर चचार्एं तेज
लखनऊ। प्रदेश में आसन्न निकाय चुनाव को लेकर चचार्ओं का बाजार गर्म हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि अब यह चुनाव बोर्ड परीक्षा के बाद अप्रैल - मई में हो सकते हैं। हालाकि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 दिसम्बर को होगी। प्रदेश सरकार एवं भाजपा दोनों ही निकाय चुनाव इसी माह कराने की पूरी तैयारी में थे। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सभी तैयारियों को पूर्ण करने के साथ आरक्षण सूची भी जारी कर दी थी। जबकि पिछले सप्ताह ही इस चुनाव की अधिसूचना जारी होना था।
मालूम हो निकाय में तय हुए आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय लखनऊ खण्ड पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही है। दो तारीखों पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 दिसम्बर की तिथि तय की है। इसी बीच मतदाताओं से लेकर दावेदारों एवं जनप्रतिनिधियों की निगाहें हाई कोर्ट में अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई पर लगी है। वही विधिक जानकारों का तर्क है कि 20 दिसम्बर को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट प्रदेश सरकार को आदेश दे सकता हे। वहीं राज्य सरकार भी उस आदेश का अनुपालन कराने के लिए हाई कोर्ट से समय मांग सकता है। राज्य सरकार की नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी भी अधूरी बतायी जा रही है। वहीं अगले साल फरवरी माह में स्नातक विधान परिषद के चुनाव होने है। इस चुनाव की भी निर्वाचन आयोग द्वारा जनवरी में अधिसूचना जारी कर सकता है। इस दौरान इस चुनाव को लेकर मतदाता बनाने एवं सत्यापन कराने का काम जोरों पर चल रहा है। साथ फरवरी माह मे ही बोर्ड परीक्षाओं के प्रक्टिकल परीक्षाएं आरंभ हो जायेंगी। यह परीक्षा मार्च तक चलेंगी। ऐसे में निकाय चुनाव अगले साल अप्रैल - मई में होने के आसार बताये जा रहे हैं। वहीं भाजपा से जुुड़े एक नेता ने बताया कि हालत तो ऐसे है कि निकाय चुनाव करीब तीन माह तक बढ़ सकते हैं। मतदाता एवं टिकट के दावेदार तो चुनावी मोड में हैं लेकिन नगर निकास विभाग की तैयारियों में कुछ खामियां अवश्य है।