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इच्छाओं पर विराम ही जीवन में आत्मशान्ति का माध्यम: मुनिश्री

Tuesday, December 6, 2022

/ by Today Warta



राजीव कुमार जैन रानू

जैन मंदिर में मुनिश्री के मुखारविन्द से हुई शान्तिधारा, दर्शनार्थ लगा श्रद्धालुओं का तांता

ललितपुर। कस्वा बांसी में जैन मंदिर प्रांगण में निर्यापक श्रमण मुनि श्री सुधासागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा व्यक्ति को सब कुछ होने के वाद भी आत्मसंतुष्टि नहीं, अधूरा अधूरा सा लगता है। समस्या का समाधान कैसे हो इसके लिए इच्छाओं पर विराम लगाना होगा अन्यथा अधूरेपन में भटकते रहोगे। जैसे भोजन करने के वाद भी तृप्ति नहीं मिलती। जो भोगना है भोगो लेकिन एक स्थिति पर विराम देना होगा। जैन दर्शन में इच्छाओं को विराम देकर आत्मकल्याण का जो मार्ग बताया वहीं आत्मशान्ति का माध्यम है। हमारा जीवन है इसमें से बुराईयों को निकालते जाओ एक बुराई के निकलते ही एक गुण प्रकट होता है। जीवन से जितनी बुराईयां निकलेंगी अच्छाईयां स्वयमेव ही प्रकट हो जाएगी। मुनिश्री ने का जो पाप करते हैं वह पाप से भी तृप्त नहीं होते उसी प्रकार हमें ऐसे कर्म करना है जिससे आत्म शान्ति हो। सुबह दिगम्बर जैन मंदिर में मूलनायक चमत्कारिक पाश्र्वनाथ भगवान के सम्मुख श्रीजी का श्रावकों ने अभिषेक किया मुनिश्री के मुखारविन्द से शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार ने की। इसके उपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ श्रेष्ठी जनों ने आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर किया। मुनि संघ की आहारचर्या देखने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों में जुटी स्वयंसेवी संस्थाएं

आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज के सानिध्य में नवनिर्मित श्री चैतन्य चमत्कारिक पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर  के आगामी 9 दिसम्बर से सम्पन्न होने वाले श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों की एक बैठक में समीक्षा की गई। बांसी नगर में यह पहला अवसर है जव जैन समाज का महाकुम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसके लिए जैन समाज की स्वयंसेवी संस्थाओं ने अपनी व्यवस्थाओं को अन्तिम रूप दिया गया। प्रतिष्ठाचार्य बाल व्रहमचारी प्रदीप भैया सुयश अशोकनगर के मार्गदर्शन में व्यवस्थाए संयोजित हो रही है। जैन पंचायत के मीडिया प्रभारी अक्षय अलया के अनुसार मुनि श्री सुधासागर महाराज अपने संघस्थ मुनि पूज्यसागर महाराज एलक धैर्यसागर महाराज क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के साथ जैन मंदिर बांसी में विराजमान होने से श्रद्धालुओं के दर्शनाथ पहुचने का सिलसिला थम नही रहा है स्थानीय समाज में उत्साह का माहौल बना हुआ है।

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