राजेंद्र प्रसाद मिश्र
बारा प्रयागराज ।बारा तहसील क्षेत्र के 327 गाँवों में 833 सरकारी तालाब हैं।इनमें लगभग 29 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर लोगों ने अपने कब्जे बनाये हैं।उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तहसील प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराने के लिए सूची तैयार कराया था। बाद में कब्जा मुक्त करा पाने में नाकाम होने पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 2019 नवम्बर को उच्च न्यायालय ने 1359 फसली में दर्ज तालाबों की स्थिति बहाल करने का आदेश दिया था,साथ ही तालाबों पर किये गए पट्टे निरस्त करने को कहा गया था लेकिन लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई। क्षेत्र के बारा खास,सेहुंडा, रिंगवा, टिकरी कला,गजापुर,छीड़ी,सोनौरी,लालापुर, अमिलिया, मदुरी,शिवराजपुर,शंकरगढ़, कपारी,जारी,बरेतिया,गौहनिया, अमरेहा, जसरा, चिल्ला गौहानी, बड़ी जूही, जोरवट सहित दर्जनों तालाबों पर अतिक्रमण किया गया है।ग्रामीण दिनेश मिश्र,आलोक,बाबालाल व शारदा ने बताया कि समाधान दिवस पर दर्जनों बार शिकायत की गई है, किन्तु कब्जा नहीं हटाया गया है।शंकरगढ़ का गुड़िया तालाब क्षेत्र की पहचान के रूप में जाना जाता रहा था।ग्रामीणों के मुताबिक गुड़िया तालाब चकबन्दी के समय 32 बीघे में फैला हुआ था।किन्तु तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी व संलिप्तता से बेचारा यह तालाब सिकुड़कर कुछ बीघे रह गया। नगर पंचायत होने की वजह से यहाँ की जमीन की कीमत काफी ज्यादा है। इससे लोगों ने वार्ड सभासद,राजस्व कर्मी व अधिशासी अधिकारियों से साठगांठ कर कब्जा करके मकान निर्माण करा लिये हैं।निर्माण कार्य के समय शिकायत करने पर भी स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।

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