इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
11 दिसम्बर को रामलीला मैदान दिल्ली में विशाल आंदोलन करेगा जैन समाज
सम्मेदशिखर जी का मुद्दा संसद के शीतकालीन सत्र में उठा
विद्वत् परिषद द्वारा ललितपुर में सरकार के निर्णय के विरोध में हो चुका प्रस्ताव पारित
तीर्थक्षेत्र सम्मेदशिखर जी की पवित्रता से खिलवाड़ नहीं सहेगा जैन समाज
विरोध में ज्ञापन भेजने का सिलसिला जारी
ललितपुर। जैन समाज का पावन वंदनीय तीर्थ सम्मेद शिखर जी जहां से 24 में से 20 जैन तीर्थंकर मोक्ष गये है, जैन समाज के लिए सदियों से वन्दनीय रहा है। प्रत्येक जैन इस तीर्थ की अधिक से अधिक वन्दना करता है, इस सम्मेद शिखर की सभी पर्वत श्रंखलाएं इतनी पवित्र मानी जाती है कि इस पर्वत की वन्दना करने जाते समय जैन श्रद्धालु चप्पल जूते भी धारण नहीं करते और उपवास रख कर वन्दना करते हैं। परन्तु अचानक झारखंड सरकार की अनुसंशा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा 2 अगस्त 2019 को अधिसूचना जारी कर श्री सम्मेद शिखरजी को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित किया गया है जिसके कारण पर्यावरण, पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गयी हैं, जैन समाज कभी भी अपने पावन पवित्र तीर्थ पर पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियो नहीं चाहता अत: वह मांग कर रहा है कि केन्द्र सरकार उक्त अधिसूचना को तुरन्त वापस ले व सम्मेद शिखरजी को जैन पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करे व सम्मेद शिखर जी के मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र क्षेत्र बनाने हेतु आदेश जारी कराये जायें।
इस हेतु देशव्यापी श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन रविवार 11 दिसंबर 2022 को प्रातः 11 बजे से जैन विश्व संगठन के संयोजककत्व में ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होने जा रहा है।इस आंदोलन में पूरे देश से बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं।
पिछले दिनों ललितपुर में परम पूज्य मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद (रजि.) के राष्ट्रीय अधिवेशन में परिषद के कार्यकारिणी के सदस्य डॉ सुनील संचय ने सम्मेदशिखर जी उक्त प्रकरण के संबंध में एक प्रस्ताव भी पेश किया था जिसका समर्थन परिषद के उपाध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र जैन भारती ने तथा अनुमोदना उपस्थित शताधिक विद्वानों एवं जन समुदाय ने किया था। सम्मेदशिखर आस्था-श्रद्धा का केंद्र बिंदु : मुनि श्री सुधासागर मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने कहा था कि सम्मेदशिखर जी जैनधर्म की आस्था और श्रद्धा का केन्द्रबिन्दु है, ऐसे पवित्र क्षेत्र को पर्यटन के रूप में कतई स्वीकार नहीं कर सकते। सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए, इसके लिए सभी को एकजुटता दिखानी चाहिए। इसे पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाय। मड़ावरा में विराजमान मुनि श्री सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि सम्मेदशिखर जी की वंदना, तीर्थयात्रा का अचिन्त्य फल शास्त्रों में है। हमारा पहला कर्तव्य है हमारे धर्म और तीर्थस्थलों की रक्षा करना. हम सभी को एकता और अखंडता दिखानी होगी. तभी हम अपने तीर्थस्थल और धर्म की सही तरीके से बचा पाएंगे। सम्मेदशिखर जी जैनधर्म की आस्था का केंद्र है।
संसद के शीतकालीन सत्र में भी गूंजा सम्मेदशिखर मुद्दा :
जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ी की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद हाजी फजलुर्रहमान लोकसभा में 08.12.2022 को श्री सम्मेद शिखर जी तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने के ऊपर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है और साथ-साथ संसद में केंद्र सरकार से उस अधिसूचना को निरस्त करने की भी मांग की है। इसके पूर्व भी अनेक सांसद अपने पत्रों के माध्यम से सरकार के निर्णय को गलत बता चुके हैं।
इनका कहना है :
केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 2 अगस्त 2019 को रद्द कराने, पर्वतराज से पेड़ो की अवैध कटाई व पत्थरों के अवैध खनन को रोकने और हमारे आराध्य पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन क्षेत्र को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र “जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग जैन समाज कर रही है। क्षेत्र की पवित्रता बचाए रखने हेतु पर्वतराज के वन्दना मार्ग को अतिक्रमण व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, यात्री सामान जाँच हेतु स्कैनर सहित चैक पोस्ट, सोलर लाईट और शुद्ध पेय जल आदि सुविधा की केंद्र सरकार व झारखण्ड सरकार से मांग की गई है। मैंने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री तथा झारखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया है।
-डॉ. सुनील जैन संचय,ललितपुर
मंत्री उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
अल्पसंख्यक जैन समाज एक शान्तिप्रिय, अनुशासित, राष्ट्र भक्त, दानवीर व सर्वाधिक टैक्स पेयिंग समाज है, अत: जैन समाज की उपरोक्त मांगों को केन्द्र व राज्य सरकार को अवश्य मानना चाहिए और त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए, केंद्र सरकार को अपना गजट वापस लेना चाहिए। 11 दिसम्बर को हम दिल्ली के रामलीला मैदान में इस संबंध में विशाल धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। पिछले दिनों मैंने ललितपुर पहुँचकर मुनि श्री सुधासागर जी महाराज से भी आशीर्वाद लिया था और सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराया था।
संजय जैन, संयोजक जैन विश्व संगठन, दिल्ली