राजीव कुमार जैन रानू
एआरटीओ विभाग वर्षों से बना है मौन-अब सुनेगा कौन ?
ललितपुर। यात्रियों से गुण्डई के बल पर मनमाना किराया बसूल कर बिना स्वीकृत बसें भी नॉन स्टॉप बनकर सड़कों पर फर्राटे भर रहीं हैं। विरोध करने पर यात्रियों को अभद्र व्यवहार का सामना भी करना पड़ रहा है। परमिट के मुताबिक बनायी गयी समय सारिणी के विपरीत बसों का संचालन भी जोरों से किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि वर्षों से चल रहे इस खेल को देखकर भी नजरअंदाज कर आरटीओ झांसी व एआरटीओ ललितपुर विभाग मौन धारण किये हुये है। भले ही ललितपुर में सरकारी बसों का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन समय को आगे-पीछे कर प्राईवेट बसें भी धड़ल्ले से सवारियां लेकर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं। जनपद मुख्यालय से प्रतिदिन करीब दो सैकड़ा बसों का संचालन होता है। जिनमें सैकड़ों यात्री आवागमन करते हैं। प्राईवेट बसों द्वारा मनमाना किराया वसूलने के बाद भी यात्रियों को सुविधायें मुहैया नहीं करायी जाती है। यहां तक की सैकड़ों यात्री ललितपुर के बस स्टेण्ड पर रुकते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर एक कमरा बना हुआ है, जिसे यहां के लोग प्रतीक्षालय कहते नजर आते हैं। इस प्रतीक्षालय में गन्दगी का अम्बार पड़ा रहता है। देखरेख के अभाव में यहां आवारा पशुओं ने भी डेरा डाल रखा है। ऐसे में यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं और उनके अधिकारों को कौन दिलायेगा, यह कोई नहीं कह सकता।