इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
जैन अटामंदिर में नवनिर्मित वेदिका पर मूलनायक भगवान विराजित
ललितपुर। निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज मानव जीवन को अनमोल बताते हुए कहा समय का मूल्य पहिचानो। समय लौटकर वापिस नहीं आता इसलिए समय को व्यर्थ में मत गवाओ। गलत कार्यो से दूर रहकर धर्म और सत्संग में समय व्यतीत करने से जीवन पवित्र और निर्मल होता है। उन्होने धर्म कार्यो में लगा जीवन अनमोल बताते हुए कहा प्रभु के चरणों से आत्मा पवित्र होती है और भविष्य संवरता है। धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया तथा पादप्रक्षालन के उपरान्त मुनिश्री को शास्त्र भेंट का पुण्र्याजन किया। इसके पूर्व मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में जैन अटामंदिर में झरावटा परिवार द्वारा नवनिर्मित वेदिका पर मूलनायक श्रीपाश्र्वनाथ भगवान व्रहमचारी मनोज भैया ललितपुर के मार्गदर्शन में विराजमान हुए। सायंकाल जिज्ञासा समाधान के लिए श्रावक मुनि श्री सुधासागर महाराज के सम्मुख अपनी जिज्ञासाए की। इसके उपरान्त पुण्र्याजक परिवार द्वारा गुरू भक्ति एवं संगीतमय आरती की गई।

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