कमल सिंह
बांदा की खुशी रावत को पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया श्री शरद अरविंद बोवड़े से मिलने का अवसर मिला ।महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर से विधि की पढ़ाई कर रही खुशी रावत ने महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नागपुर में कानून और धर्म पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री एस ए बोबडे से मिलने का अवसर मिला। यहां यह बताना होगा कि भारत में पहली बार महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के द्वारा एडजडिकेशन एंड जस्टिसिस बी ए एल एल बी की शुरुआत श्री शरद अरविंद बोवड़े जो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहने के दौरान इस यूनिवर्सिटी के चांसलर रहे हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री बोबडे जी द्वारा ही भारत में पहली बार यह अनुभव किया गया था कि भारत में जिन्हें प्रारंभिक स्तर से ही जुडिशरी अथवा लिटिगेशन आदि में जाना है ,उनके लिए एडजडिकेशन एंड जस्टिस इन कोर्स की शुरुआत की जाए।इसी क्रम में 2020 में महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर विजेंद्र कुमार के द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबदे जो उस समय के यूनिवर्सिटी में चांसलर थे, के मार्गदर्शन में पहली बार बी ए एल एल बी एजुडिकेशन एंड जस्टिस की शुरुआत की गई। इस कोर्स में संपूर्ण भारत वर्ष के छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं और विभिन्न न्यायालयों माननीय उच्च न्यायालय और आयोग में यूनिवर्सिटी के चांसलर के अनुरोध पर इंटर्नशिप भी कर रहे हैं और पढ़ाई के दौरान कानून और विधि की गहराई को इंटरशिप में समझ रहे हैं। खुशी रावत के पिता स्वतंत्र रावत जो जिला उपभोक्ता आयोग न्यायालय में रीडर के पद पर कार्यरत हैं उन्होंने और खुशी के ताऊ अनूप रावत जो मुख्य विकास अधिकारी बांदा के स्टेनो हैं, बेटी खुशी रावत के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया श्री शरद अरविंद बोबदे जी से मिलने का अवसर प्राप्त होने पर खुशी जाहिर की है। गहोई समाज बांदा के अध्यक्ष अमित सेठ भोलू, कोषाध्यक्ष मुनेंद्र और सचिव पंकज रावत और सदर विधायक प्रतिनिधि रजत सेठ ने बताया कि खुशी रावत गहोई समाज की मेधावी प्रतिभा सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी हैं खुशी के लिए उन्होंने शुभकामनाएं दी।