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तिलहन की फसल पर कीटों का प्रकोप

Sunday, January 22, 2023

/ by Today Warta

 


राकेश केशरी

कौशाम्बी। मौसम की बदमिजाजी किसानों पर भारी पडने लगा है। उतार-चढ़ाव वाले इस मौसम का दुष्प्रभाव जनजीवन के साथ ही फसलों पर पड़ रहा है। सबसे अधिक प्रभावित तिलहन की फसल हो रही हैं। इन फसलों पर माहो सहित तमाम प्रकार के कीटों का प्रकोप शुरू हो गया है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों हेक्टेयर में इस बार तिलहन की खेती हुई है। शुरू का मौसम फसल के अनुरूप रहा, जिससे उम्मीद थी कि सरसों को विशेष लाभ होगा,पर पिछले दस दिन मे मौसम ने जो तेवर दिखाया उससे किसानों के माथों पर पसीना आ रहा है। सरसों की फसलों में माहो सहित अन्य कीट का प्रकोप हो गया है। किसान फसल को बचाने के लिए हर स्तर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खास सफलता नहीं मिल रही है। किसानो का कहना है कि इस सप्ताह कभी धूप तो कभी बदली ऊपर से चल रही पुरवा हवा के कारण खेतों में माहो सहित तमाम प्रकार के कीट लगने शुरू हो गए हैं। इनका कहना है कि पिछले कई वर्षो पर नजर दौड़ाई जाए तो सरसों की फसल में लगा माहो ही पैदावार कम होने का मुख्य कारण बना है। इस बार भी इसके प्रकोप से पैदावार मारे जाने की संभावनाएं बढ़ गई है। कृषि वैज्ञानिक डा0 मनोज सिंह का कहना है कि छिड़काव ही फसल को बचाने का मुख्य उपाय है। कहा कि माहो कीट से बचाव के लिए किसान नोक्रोवान, मोनोप्रोटोफास, निमरिन, इंडोसल्फान दवाओं में से किसी एक का खेतों में छिड़काव करने से माहो का प्रकोप खत्म हो जाएगा और पैदावार भी ज्यादा होगी। अगर एक बार में माहो खत्म न हो तो पन्द्रह दिन बाद पुन: छिड़काव करनी चाहिए।

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