राकेश केशरी
कौशाम्बी। मुंख्यालय मंझनपुर स्थित 100 बेड वाले जिला अस्प्ताल पहुंचने पर आग से जले मरीजों को उनके जख्मों को इलाज के नाम पर अव्यवस्था का मरहम मिलता है। अस्पताल के दो वार्डो के बरामदे को मिलाकर बना बर्न वार्ड दुर्व्यवस्था का शिकार है। गंदगी से संक्रमण का खतरा खड़ा है। डाक्टर कमरे में बैठकर मरीजों को देखते हैं और मरीज तड़पते रहते हैं। पुरुष बर्न वार्ड के बरामदे में बीस बेड व महिला सर्जिकल वार्ड के बरामदे में 20 बेड समेत कुल 40 बेड हैं। वार्ड से सटे अस्पताल की नाली निकाली गई है। जले हुए मरीजों का कमरा सामान्य रूप से वातानुकूलित रहना चाहिए। चिकित्सकों के मुताबिक चमड़ी झुलसने से इन मरीजों को गर्मी में अधिक गर्मी और ठंड में अधिक ठंड लगती है। ऐसे में उन्हें एक सामान्य तापमान में रखना चाहिए। दूसरी ओर बर्न वार्ड अलग से बनाने के लिए कभी कोई पहल नहीं की गई।