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आॅनलाइन व्यापार पर और बढ़ाया जाए टैक्स

Wednesday, January 4, 2023

/ by Today Warta

 


राकेश केशरी

कौशाम्बी। खुदरा व्यापार परंपरागत तरीके से आगे बढ़ रहा है। आॅनलाइन बिजनेस से खुदरा कारोबार को बड़ी चुनौती मिल रही है। छोटे कारोबारियों को जीएसटी में पंजीकरण से मिली छूट का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका लाभ बड़े उद्यमियों को ही मिल रहा है। खुदरा कारोबारियों के लिए जीएसटी में सरलीकरण कराकर पंजीकरण कराने की सुविधा दी जानी चाहिए। उन्हें आय-ब्यय का ब्यौरा भरने के प्रावधान में भी सरलीकरण किया जाना चाहिए ताकि वह आसानी से उसे भर सके हैं। केंद्र सरकार का आम बजट आने वाला है। समाज का हर तबका उम्मीद लगाए बैठा है कि सरकार से उन्हें राहत मिलेगी। खुदरा व्यापारी भी चाहते हैं कि उन्हें कारोबार करने के प्रावधान में आसानी हो, इसके लिए इनकम टैक्स में छूट की स्लैब पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख की जानी चाहिए। विदेशी पूंजी पर आधारित आॅनलाइन व्यापार ने खुदरा व्यापार पर असर डाला है। खुदरा व्यापारियों का कहना है कि विदेशी पूंजी पर आधारित आॅनलाइन कारोबार पर टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए। तभी खुदरा कारोबारियों को राहत मिल सकेगी। व्यापारियों को केंद्र सरकार के आने वाले आम बजट में इन समस्याओं का निदान कराने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है। आयकर के अधिवक्ता प्रेमप्रकाश पाण्डेय का कहना है कि खुदरा कारोबार पर विदेशी पूंजी आधारित आॅनलाइन व्यापार भारी पड़ रहा है। इससे खुदरा कारोबार चैपट होने लगा है। सरकार को आॅनलाइन व्यापार पर टैक्स और बढ़ाना चाहिए ताकि गली-मुहल्लों में खुदरा व्यापार जीवित रह सके। व्यापारियों के हित में इनकम टैक्स में छूट की स्लैब पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जानी चाहिए। किराना व्यापारी हरिश्चन्द्र गुप्ता का कहना है कि खुदरा कारोबार करना अब कठिन हो गया है। मुनाफे का बड़ा हिस्सा होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर और स्टाकिस्ट के हिस्से में जाता है, जबकि आम आदमी मोलभाव खुदरा व्यापारी से करता है। व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। किराना के थोक व्यापारी जयप्रकाश केशरवानी का कहना है कि धरातल पर सैंपलिग और जांच- पड़ताल खुदरा व्यापारी के यहां होती है, जबकि मॉल डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर और स्टॉकिस्ट के यहां से आता है। अगर वहीं जांच-पड़ताल कराई जाए तो खुदरा कारोबारी को परेशान नहीं होना पड़ेगा। व्यापारी अजय केशरवानी का कहना है कि जीएसटी में पंजीकरण से मिली छूट का खुदरा व्यापारियों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बेहतर हो कि जीएसटी का सरलीकरण कर इनका भी पंजीकरण कराया जाए और ब्यौरा भरने में सहूलियत की जाए।

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