राकेश केशरी
छात्रों को निपुण बनाने में संदर्शिका की महत्वपूर्ण भूमिका-अनुराधा पाण्डेय
कौशाम्बी। कहावत है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। लेकिन नूतन आविष्कार वही लोग कर पाते हैं, जो कल्पनाशील होते हैं और लोग क्या कहेंगे की परवाह नहीं करते। बस वे अपने मौलिक इनोवेटिव आइडियाज को आकार देने में जुटे रहते हैं। इसी बात को एक बार पुन: चरितार्थ किया है नेवादा ब्लॉक के परिषदीय विद्यालय अमिरसा की प्रधानाध्यापिका व राज्य पुरस्कार सम्मान प्राप्त शिक्षिका अनुराधा पाण्डेय ने। प्रधानाध्यापिका होने साथ शिक्षक संकुल पद की जिम्मेदारी में अपने दायित्यों को बेहतर रूप देने और छात्रों को निपुण की दिशा में ले जाने हेतु मंगलवार को संकुल स्तर पर संदर्शिका उत्सव का आयोजन किया। उत्सव आयोजक शिक्षिका अनुराधा पाण्डेय ने संदर्शिका के सम्बंध में बताया कि घर व समुदाय से बच्चों के अनुभव व कौशल को जोड़ना बच्चों के अनुभव को कक्षा में स्थान देना। शिक्षण, बच्चों के अनुभव को उनके ज्ञान को बढ़ाने तथा कौशल को विकसित करने व छात्रों को पूर्ण निपुण बनाने के लिए शिक्षको को संदर्शिका पुस्तिका का गहन अध्ययन करना होगा। उन्होंने बताया कि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदलने की तैयारी है। इस बार एनसीईआरटी ने बच्चों के लिए आधुनिक तकनीक पर आधारित किताबें भेजी हैं। साथ ही उन किताबों को कैसे पढ़ाना है। इसके लिए शिक्षकों को भी किताबों का एक सेट भी दिया है। यह संदर्शिका ही शिक्षकों को पढ़ाने के तरीके बताएंगी। कार्यक्रम में मौजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी नीरज कुमार उमराव ने संदर्शिका उत्सव की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से हम छोटी छोटी बैठकों के माध्यम से संदर्शिका का प्रभावी क्रियान्वयन हम कर सकते हैं। एआरपी अनुराग पाण्डेय ने संदर्शिका की उपयोगिता,कार्यपत्रक भरने के तरीके,ट्रैकर और आंकलन करने व समूह विभाजन पर शिक्षको को बताया। एआरपी विकास मिश्रा ने कालांशवार शिक्षण ,गणित कार्य पत्रक भरना,अभिलेखीकरण पर पर अपने सुझाव दिए। एआरपी भूपेंद्र सिंह ने छात्रों को निपुण बनाने के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने,बिगबुक और चित्र चार्ट के प्रयोगों के बारे में बताया। इस दौरान शिक्षक संकुल अंचल सिंह,दिनेश सिंह,संदीप कुमार,संकुल के समस्त गणित व भाषा के शिक्षक व प्राथमिक विद्यालय अमिरसा से शिक्षिका प्रियंका गुप्ता व शुची जोशी मौजूद रहीं।

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