इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना प्रधानों की नैतिक जिम्मेवारी : अनुपम चौबे
एनएमएमएस ऐप का प्रधान संगठनों ने जताया कड़ा विरोध
मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर एनएमएमएस ऐप को वापस लेने की उठायी मांग
ललितपुर। आधुनिक होते भारत में शासन स्तर से अब ग्रामीण अंचलों में श्रमिकों की हाजिरी ऑनलाइन किये जाने से आने वाली समस्याओं को लेकर प्रधान संगठनों ने कड़ा विरोध जाहिर किया है। इस सम्बन्ध में अखिल भारतीय प्रधान संगठन के प्रदेश महासचिव कुं.गजेन्द्र सिंह बुन्देला हैट्रिक प्रधान व राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष आशुतोष अनुपम चौबे के संयुक्त नेतृत्व में दर्जनों प्रधानों ने लामबंद होकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में अखिल भारतीय प्रधान संगठन के प्रदेश महासचिव कुं.गजेन्द्र सिंह बुन्देला हैट्रिक प्रधान ने बताया कि आयुक्त ग्राम विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ पत्र के माध्यम से अनिवार्य रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों के संबंध में दिशा निर्देश मिले हैं। बताया कि ललितपुर चारों ओर मध्यप्रदेश से घिरा हुआ है। पहाड़ी जंगली इलाकों ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट से टावर लगभग 70 प्रतिशत नहीं आते हैं, जहां एनएमएमएस के माध्यम से मनरेगा कार्य कराया जाना संभव नहीं है। ज्यादातर मजदूर लोग मजदूरी पर आधारित हैं, बाहर जाना पसंद करते हैं, यदि एनएमएमएस नहीं हो पाता है तो मजदूर नेट की वजह से अपनी मजदूरी नहीं छोड़ेंगे और काम करने भी नहीं आएंगे जिससे ग्राम पंचायत मैं ग्राम पंचायत प्रधान ग्राम पंचायत संचिव से आए दिन विवाद हो रहे हैं। समय पर मजदूरी भुगतान न होने की वजह से ललितपुर जनपद में संभव नहीं है। प्रधानों ने अन्य जनपदों में शहरी क्षेत्रों में एनएमएमएस लागू कराया जाए जहां सारी सुविधाएं मौजूद हैं। ललितपुर जनपद बुंदेलखंड अति पिछड़ा जिला है। एनएमएमएस के माध्यम से ललितपुर में संभव नहीं है, अभी से मजदूरों ने इस समस्या से मजदूरी कार्य करना कम कर दिया है। समस्त प्रधानोंसे पूर्व में किए गए विकास निर्माण कार्य के मटेरियल भुगतान अभी तक नहीं हो पाए हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है। आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विधायक निधि, सांसद निधि, एमएलसी निधि, राज्यसभा एमएलसी, जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत निधि से सुनिश्चित किया जाए कि 70 प्रतिशत धनराशि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य लगाया जाऐ। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी भी 70 प्रतिशत से ज्यादा है। जातिगत दृष्टि को छोड़ते हुए और सार्वजनिक किया जाए की कहां-कहां विकास कार्य हेतु विकास की धनराशि को खर्च किया गया है। हर घर नल योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदारों द्वारा अपने मनमाने तरीके से 3 से 4 फुट चौड़ा पॉपलिन जेसीबी मशीन से सीसी रोड व पेवर ब्रिक्स, पुलिया नाली आदि तोड़ दी गई हैं, जो कि कटर मशीन से काटने का प्रावधान था। पंचायतों में 20 वर्षों से अपने निधि से गांव को साफ सुथरा बनाया था। हर पंचायत में 20 लाख से 50 लाख तक का नुकसान हुआ है। कई ग्रामों में आवागमन बन्द है। ठेकेदारों द्वारा ग्राम पंचायत के हिसाब से सही कराया जाए।
इसके अलावा राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष आशुतोष अनुपम चौबे ने कहा कि एनएमएमएस द्वारा ली जाने वाली श्रमिकों की हाजिरी मैं आने वाली विसंगतियों एवं कठिनाइयों को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। बताया कि ग्राम प्रधान जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि होता है। गांव की गरीब जनता को रोजगार देना उसकी प्रमुख जिम्मेदारी होती है। लेकिन एमएमएमएस में जाने के बाद श्रमिक गांव में कार्य ना करके बाहर की ओर पलायन कर जाएंगे। उन्होंने सरकार से आग्रह है कि उक्त आदेश को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। ज्ञापन में प्रदेश महासचिव कुं.गजेन्द्र सिंह बुन्देला, जिलाध्यक्ष संतोषी बुन्देला, संगठन जिलाध्यक्ष आशुतोष अनुपम चौबे, अर्जुन सिंह, आशाराम सिंह, भगवानसिंह, अस्सू, ग्राम जमुनिया, सुनवाहा, सगौरिया, चीराकोडर से ज्ञानबाई, डुंगरिया प्रधान जगदीश, उगरपुर, उमरिया, बरौदिया राईन, अमरपाल सिंह, कमलेश कुमारी विघामहावत, हज्जावती, पिपरई, बादरौन, गीतादेवी, मिथलेश, हरिकिशन, शिवेन्द्र सिंह, तेजराम, रूपादेवी, मानवेन्द्र सिंह, सुमन, कमला, गीतादेवी, इन्द्राकुमारी, जितेन्द्र सिंह, रघुवीर सिंह, बृजेन्द्र सिंह, रामश्ेवर, देवीसिंह, राजकुमार, चरन सिंह, वीरेन्द्र सिंह, फूलवती, अंजलि, प्रवेश, संजू के अलावा अनेकों प्रधान मौजूद रहे।