राकेश केशरी
कौशाम्बी। आगामी महीने मार्च से प्रयागराज बम्हरौली एयरपोर्ट से लेकर कौशाम्बी बौद्ध स्थली तक फिर लेन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। ऐसे में राजस्व और एनएचआई की टीम ने कास्तकारों से अधिग्रहीत की गई जमीन का चिन्हांकन और उनके बदले में मुआवजे देने की योजना बना रहे हैं। लेकिन मुआवजे को लेकर कास्तकारों को बड़ी चिंता सता रही है। फिर लेन के निर्माण में अधिग्रहण की जड़ में आने वाले इलाके के चालीस फीसदी ऐसे कस्तकार है जिन्होंने अभी हाल ही में अपनी जमीन और माकान के रजिस्ट्री कराई है। कास्तकारों ने अपनी संपति का बैनामा तो करा लिया है लेकिन राजस्व रिकार्ड और अभिलेख में उसकी दाखिल खारिज नहीं कराई है। संपति की दाखिल खारिज नहीं होने से ऐसे कास्तकारों मुआवजे की श्रेणी में नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर काश्तकार परेशान हैं। उनकी समस्या के निराकरण के लिए अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं।