राकेश केशरी
पौष्टिक होने के साथ आंखों की रोशनी व आंत एंव मांसपेशियां होती है मजबूत
कौशाम्बी। देशी मटर की अच्छी उपज ने निमोना के रूप में दाल का विकल्प बन गया है। दरअसल सब्जियों के भी दाम बढने से घरों में खासकर गरीब व कम आय वर्ग वाले परिवारों में रोटी.चावल के साथ दाल बनना कठिन हो गया है। दाल.रोटी का संगत प्राय: लोग भूलने लगे हैं। गरीबो के घरों में भी हफ्तों दाल नहीं बनने की स्थिति हो जा रही है। प्रचंड महंगाई ने किसानों व मजदूर वर्ग को दाल से दूर कर दिया है। इसी बीच रबी की फसल में किसानों ने गेहूं के अलावा सरसों के साथ ही मटर की भी बुआई की। जिसका नतीजा है कि पूरा क्षेंत्र इन फसलों की पैदावार से लहलहा उठा है। मटर की बेहतर उपज ने गांव व बाजारों में मटर की कीमतों को कम कर दिया है। गांव हो या शहर मौसमी फसल मटर को गृहणियां दाल के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। घरों में मटर के दाने को निकाल कर इससे बनी घुघुरी नाश्ते के काम आ रही है वहीं मटर को पीसकर इससे निमोना बनाया जा रहा है। निमोना दाल का इस समय सबसे आसान विकल्प बना हुआ है। गत माह से ही निमोना घरों का प्रिय व्यंजन बन चुका है। इसके चलते घरों में अरहर के दाल की खपत थोड़ी कम हो गई है साथ ही महंगी दालों की खरीददारी से जेब पर पडने वाले बोझ से लोगों को राहत भी मिली है। निमोना के बाबत चिकित्सकों का कहना है कि मटर में लेग्यूमिनस प्रोटीन होता है। निमोना में चिकन व पनीर जैसा तत्व रहता है। बताया कि यह पौष्टिक तो होता ही है इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढने के साथ ही आंत तथा मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।