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किडनी व लिवर को नुकसान पहुंचा रही रंग बिरंगी मिठाईयां

Monday, January 16, 2023

/ by Today Warta



राकेश केशरी

मिठाई बनाने में केमिकल रंगों का इस्तेमाल कर रहे दुकानदार

चायल,कौशाम्बी। मिठाई की दुकानों में मोटी कमाई के लिए दुकानदार मिलावटी और केमिकल रंगों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए है। यह केमिकल रंग मानव शरीर के किडनी और लिवर को खराब कर रहें है। जनपद के विभिन्न हिस्सों में खुला लगभग 200 अस्थायी दुकानों में केमिकल रंगों से मिठाईयां तैयार कर धड़ल्ले बेंची जा रही है। इन मिठाइयों के सेवन से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। चैंकाने वाली बात विभाग के अधिकारी ऐसी दुकानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। जिले के चायल, मनौरी, तिल्हापुर मोड़, सरायअकिल, बेनीराम कटरा, चरवा, मूरतगंज और भरवारी बाजार सहित अन्य प्रमुख बाजारों में रंग-बिरंगी मिठाइयों की दुकानें सजाई गई हैं। इन दुकानों में मिलावटी मावा, घटिया क्वालिटी के बेसन व मैदा से निर्मित मिठाइयां खुलेआम बेची जा रही हैं। ऐसा भी नहीं कि  मिलावटी और केमिकल रंगों से बनी मिठाई की दुकानों के बारे में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को भनक नही है। स्टाफ व संसाधनों के अभाव में विभाग ऐसी मिठाई की दुकान और उनके गोदामों पर निगरानी नहीं कर पाता है। कई बार तो ऐसा होता है कि त्योहार की छुट्टी होने की वजह से खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी इन दुकानों से मिठाइयों के नमूने भी नहीं ले पाते। नतीजा, अस्थायी दुकानदार मिठाइयों के नाम पर मीठा जहर परोसते हुए मुनाफा कमाकर रफूचक्कर हो जाते हैं और इसका खमियाजा मिठाई का सेवन करने वाले लोगों को उठाना पड़ता है।

क्या कहते है डाक्टर

चायल सीएचसी के अधीक्षक डा0 मुक्तेश द्विवेदी ने बताया कि अस्थायी मिठाई विक्रेता मिठाइयों पर हार्ड मेटल कलर चढ़ाते हैं। इससे किडनी व लीवर खराब हो सकता है। मिठाइयों में मिश्रित किए जाने वाले रासायनिक रंगों से गैस समस्या, अल्सर, फूड पॉइजन जैसी घातक बीमारिया हो सकती हैं।

इन रंगों से सेहत को पहुंचती है हानि

मिठाई को पीला रंग देने के लिए ओरामिन कलर मिलाया जाता है। इसके सेवन से बच्चों के लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया रुक जाती है। लीवर व किडनी को नुकसान पहुंचाता है। मेटानिल येलो-लड्डू व जलेबी बनाने के लिए मैदा व बेसन में मेटानिल येलो मिलाया जाता है। पेट, किडनी व लीवर के लिए नुकसानदायक है। शरीर में एलर्जी व यूरिन संक्रमण भी हो सकता है। रोडामाइन-मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थो को आकर्षक व चमकीला बनाने के लिए इस कलर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से शरीर की लाल रक्त कणिकाओं को नुकसान पहुंचता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। लेड क्रोमोट-मिठाइयों को गहरा पीला रंग देने के लिए लेड क्रोमोट मिलाया जाता है। इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द समेत मस्तिष्क की समस्याएं जन्म लेती हैं।


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