राकेश केशरी
एप के माध्यम से सीधे आवेदन कर सकता है किसान
कौशाम्बी। अब मत्स्य पालन से जुड़ी जानकारी लेने के लिए लोगों को मत्स्य विभाग का चक्कर नहीं काटना होगा। मत्स्य विभाग ने एक एप की जरिए किसानों के पास तक विभागीय योजनाएं पहुंचाई हैं। इस एप में केंद्र व राज्य सरकार की मत्स्य पालन से जुड़ी हर जानकारी होगी। साथ ही किसान योजनाओं में सीधे आवेदन कर सकता है। आवेदन के बाद ही उसे विभाग में आना होगा। इतना ही नहीं किसान एप में रजिस्ट्रेश्न कराते हुए मछुआ दुर्घटना बीमा के लिए पात्र हो जाएगा। किसान खेती के साथ मत्स्य पालन कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। इसके लिए उनको मत्स्य पालन विभाग से विभिन्न योजनाओं के लिए लाभ दिया जाता है। विभाग से लाभ लेकर किसान तालाब निर्माण, प्रथम वर्ष निवेश, हैचरी, मत्स्य बिक्रय केंद्र, फीड यूनिट आदि की स्थापना कर सकते हैं। किसानों को अब विभाग से संचालित होने वाली योजनाओं के लाभ व जानकारी के लिए विभागीय चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। विभाग की ओर से जारी यूपी फिश फामर्स एप में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान को हर योजना की जानकारी आनलाइन मिलेगी। बिना विभागीय कार्यालय आए किसान योजना से जुड़े दस्तावेज अपलोड कर सीधे आवेदन कर सकता है। विभागीय अधिकारी आवेदन के बाद अपनी आख्या व जांच के लिए उनसे संपर्क करेंगे। इतना ही नहीं जिन किसानों का इस एप में रजिस्ट्रेशन होगा उनका स्वत: मत्स्य पालक दुर्घटना बीमा हो जाएगा। मत्स्य पालक की मौत होने पर पांच लाख व अंगभंग होने की दशा में 2.5 लाख का लाभ पीड़ित व उसके आश्रितों को मिलेगा।
कौन हो सकता है पात्र
जिले में मत्स्य पालन को लेकर लागातर वृद्ध हो रही है। ऐसे में जो किसान इस कारोबार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़े हैं। वह योजना का लाभ पा सकते हैं। किसान को अपने मोबाइल में यूपी फिश फामर्स एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद अपने से जुड़ी जानकारी के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसपर विभाग का अप्रुवल होना होगा। विभाग के अप्रुवल के पीछे उद्देश्य है कि ऐसे लोग की इस एप में जुड़े जो मत्स्य पालन या उससे जुड़ा अन्य कार्य करते हैं। विभागीय आप्रुवल मिलते ही किसान एप पर एक्टिव हो सकता है। इसके बाद उसे हर जानकारी मिलने लगेगी।
अब तक करीब 500 ने किया रजिस्ट्रेशन
जिले में मत्स्य पालन और उससे जुड़े अन्य कार्यों को लेकर करीब 10 हजार विभागीय कार्यालय की ओर से चिह्नित हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन किसानों की ओर से यदि आनलाइन एप पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा तो तुरंत ही अप्रुवल दिया जाएगा। कौशाम्बी के करीब 500 लोगों ने अब तक इस एप पर रजिस्ट्रेशन कराया है। इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
बोले अधिकारी
मत्स्य विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि हम लोग लगातार मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रगति कर रहे है। बीते दस सालों में जिले में 85 फीसद मत्स्य उत्पादन बढ़ा है। किसान इसको लेकर जागरूक हो रहे हैं। चायल क्षेत्र में मत्स्य पालन को लेकर ज्यादा रुझान है। अब तक करीब तीन हजार सरकारी तालाब का पट्टा किया जा चुका है। इसके अलावा करीब 500 किसानों के निजी तालाब खोदाए जा चुके हैं। फीड यूनिट लगाने की योजना है। कौशाम्बी की अपनी हैचरी हो इसके लिए भी प्रस्ताव तैयार है। दो निजी क्षेत्र की हैचरी काम कर रही है। जो विभाग के सहयोग से बनी है। मोती व झींगा पालन का प्रशिक्षण दिए जाने का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
बोले किसान
किसान राम प्रकाश का कहना है कि मत्स्य विभाग लगातार हम लोगों की मदद कर रहा है। यह विभाग की अच्छी सोच है। हम सब विभागीय सहयोग से नए-नए काम कर रहे हैं। किसान सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि हम सब लगाताार विभागीय योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। विभाग से मिल रही जानकारी हमारे काम आ रही है। हम जो भी करते हैं। विभाग उसपर अपना मार्गदर्शन देता है। किसान अजय प्रकाश ने कहा कि मत्स्य पालन शुरू करने से लेकर अब तक जो भी लागत आई। विभाग से उसमे सहयोग मिला। विभागीय सहयोग के कारण ही हर जोखिम उठाने के लिए हम तैयार रहते हैं। किसान मिथलेश कुमार ने कहा कि विभाग से मिली जानकारी को अपनाकर हम अपना काम कर रहे हैं। मत्स्य बीज से लेकर उनके पालन आदि से जुड़ी हर जानकारी विभाग ने दी है। अब लाभ की बेहतर संभावना है।