राजीव कुमार जैन रानू
ललितपुर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हुए भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में ललितपुर जिले के अंतर्गत आने वाले मडावरा(सोंरई) के ललितांक जैन ने (स्वतंत्रता के बाद जनजातीय विकास-समस्याएं एवं नीतियों का अध्ययन) विषय पर आदिवासियों समुदाय की प्रमुख समस्याओ को उजागर करते हुए सरकार द्वारा उठाये जा रहे जरूरी कदमों के बारे में अपनी विषय प्रस्तुति दी। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में मीडिया एडुकेटर एवं जनसंचार के क्षेत्र में शोधार्थी ललितांक ने बताया कि केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी से जुड़े विभिन्न मंत्रालयो ने इस आयोजन को इस वर्ष भोपाल में आयोजित किया है। जैन ने अवगत कराया कि इस बार अधिकतर वैज्ञानिक, टेक्नोक्रेट्स, विद्यार्थी एवं समाज सेवी संस्थान, शोध से जुड़े व्यक्ति, प्राध्यापक, मीडिया से जुडे बुद्धजीवी सहित चयनित प्रतिभागियों को भोपाल मैंनिट में आयोजित विज्ञान संचार महोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। 21 जनवरी से 23 जनवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में हुए नवाचारों एवं जनसंचार के आधुनिक आयामों को प्रदर्शित किया गया। ललितांक हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विज्ञान संचार के साथ समाज से उपेक्षित आदिवासी समुदाय की समस्याओं एवं शोध के दौरान होने वाली कठिनाईयों पर चर्चा की। ललितांक कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज करा चुके हैं और लगातार समाज में उत्पन्न होने वाली समस्या को बड़े मंच में जाकर रखते आ रहे हैं। ललितांक लगातार 5 वर्षो से इस विज्ञान फेस्ट के लिए चयनित हो रहे है, देश के विकास के लिए आधारभूत ढांचे में किस तरह से परिवर्तन किया जाए इस पर नवाचारी विचार प्रस्तुत किए गए। देश की आजादी के अमृत महोत्सव को मनाते हुए इस राष्ट्र की संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने के लिए यह आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण रहता है। एक तरफ जहां जैन और आदिवासी को एक दूसरे के विरोध में खड़ा कर राजनीतिक मंसूबों को हवा दी जा रही है ऐसे में ललितांक जैन का आदिवासियो को लेकर विषय प्रस्तुत करना सद्भावना को प्रदर्शित करता है।

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