राजीव कुमार जैन रानू
जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन
ललितपुर। जिलाधिकारी के आदेश 01 दिसम्बर 2022 के द्वारा सर्किल रेटों में की गयी बेतहाशा बृद्धि को अविलम्ब वापस लिये जाने की मांग को लेकर जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी आलोक सिंह को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि डीएम द्वारा 1 दिसम्बर 2022 को अपने एक आदेश द्वारा तहसीलों के सर्किल रेट की मूल्यांकन सूची प्रस्तावित की गयी है जिसके आधार पर सर्किल रेटों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गयी है। जिससे सभी तहसीलों के किसानों, नागरिकों, व्यापारियों, अधिवक्ताओं, स्टाम्प वेंण्डरों में काफी रोष व्याप्त है और विभिन्न तहसीलों के अधिवक्ताओं ने सर्किल रेटों में की गयी बेतहाशा वृद्धि को लेकर सांकेतिक हड़ताल भी शुरू कर दी है तथा विभिन्न समाजसेवी संगठनों के द्वारा ज्ञापनों व प्रदर्शनों के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया है किन्तु जिला प्रशासन द्वारा अभी तक निर्धारण सूची में कोई परिवर्तन अथवा संशोधन नहीं किया है जिससे जनपद के आम नागरिकों में काफी क्षोभ व्याप्त है जो कभी भी जनआंदोलन का रूप ले सकता है। व्यापारियों ने कुछ बिन्दुओं पर विचार करते हुये प्रस्तावित सर्किल रेट मूल्यांकन सूची को अविलंब वापस लेने की मांग उठायी। बताया कि प्रस्तावित रेट सूची में अन्दर हद ललितपुर में राजस्व अभिलेखों में कृषि भूमि दर्ज कागजात के बैनामे में पूर्व रेट सूूची 2019 के अनुसार कृषि भूमि के रूप में किये जाते थे तथा जो आवासीय बैनामा के रूप में विक्रय पत्र दर्ज किये जाते थे, इसी हिसाब से पूर्व में रेट सूची में कॉलम निर्धारित थे और प्रस्तावित रेट सूची में भी कृषि दरों को 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाया जाना प्रस्तावित था। जिसे वर्तमान रेट सूची 2022-2023 में कृषि भूमि की दरों खत्म कर दी गयी है, सिर्फ आवासीय दरें लागू की गयी। यदि कोई व्यक्ति अन्दर हद ललितपुर में कृषि भूमि का बैनामा कराता है तो उसे आवासीय भूमि के रूप में करोड़ों रूपये की मालियत बैनामा करना पड़ेगा जिससे गरीब व मध्यम वर्ग को इतनी लागत पर बैनामा करना सक्षम नहीं होगा। पूर्व रेट सूची 2019 में 20 विकास शील ग्राम निर्धारित थे जिनका नोटिफिकेशन राज्य सरकार द्वारा किया गया था । प्रस्तावित रेट सूची में भी 20 विकासशील ग्राम ही प्रस्तावित थे इसके बाबजूद जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी एवं सब रजिस्ट्रार द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से बिना नोटिफिकेशन किये 10 ग्रामों को विकासशील ग्रामों को ले लिया जिनकी दूरी 10 से 15 कि0मी0 है और जहॉ किसी प्रकार का विकास नहीं है वहॉ कास्तकार ही निवास करते हेेैं और कृृषि कार्य कर जीवन यापन करते हैं। जो त्रुटिपूर्ण है। प्रत्येक सिगमेन्ट रोड पर पूर्व रेट सूची 2019 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आवासीय रोड पर पूर्व रेट सूची 2019 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आवासीय प्लाट क्रय करता है तो उसे सिगमेन्ट पर निर्धारित अकृषक भूमि के हिसाब से जो मालियत आती थी उस पर स्टाम्प शुल्क अदा किया जाता था जिसे वर्तमान रेट सूची 2022-2023 में यदि कोई व्यक्ति किसी भी सिगमेन्ट पर यदि आवासीय प्लाट क्रय करता है तो उसे 15 मी0 की गहराई तक दुकान/व्यवसायिक की दर से आ रही मालियत पर स्टाम्प शुल्क अदा करना पड़ेगा। जैसे कि पूर्व रेट सूची में कोई प्लाट 30 वाई 40 = 1200 वर्गफुट क्रय करता था, पूर्व रेट सूची के अनुसार जिसका 111.42 वर्गमीटर होता था जिसे पनारी सिगमेन्ट रेाड से लगे हुये क्रय किया जाता है तो पूर्व में मालियत 9,15,000 रूपये होती थी जिस पर 50,000/- रूपये (पास हजार रूपये) स्टाम्प शुल्क नियमानुसार अदा कर बैनामा किया जाता था। वर्तमान रेट सूची में 111.42 वर्गमीटर पनारी पर स्थित सिगमेन्ट पर क्रय करने पर दुकान/व्यवसाय दर 64,900/- रूपये होती है 111.42ग्64900= 73,20,000/- रूपये मालियत आयेगी और आम आदमी को नई बढ़ी हुई दर पर 7 प्रतिशत की दर से लगभग 5,00,000/- रूपये (पॉच लाख रूपये) का स्टाम्प शुल्क देना पड़ेगा जो अत्याधिक है। इस प्रकार पूर्व में बैनामा की मालियत पर लगभग 50,000/- रूपये (पचास हजार रूपये) का स्टाम्प शुल्क अदा करना पड़ता था और अब 5,00,000/- रूपये (पॉच लाख रूपये) का स्टाम्प शुल्क अदा करना पड़ेगा। इस तरह नियम विरूद्ध गैरकानूनी ढंग से वर्तमान रेट सूची में 10 से 15 प्रतिशत रेट बढ़ाने का प्रस्ताव था और इस प्रकार नियम विरूद्ध गैर कानूनी नहीं थे। अधिकारियों के द्वारा रेट सूची दर अत्यधिक बढ़ा दी गयी है, जो त्रुटि पूर्ण हैे तथा बढ़ी हुयी दरों से अतिरोष है। ललितपुर सीमा के बाहर जो भी राजस्व ग्राम बसे हुये हैं जिनका विक्रय पत्र कृषि भूमि के रूप में यदि कोई काश्तकार क्रय करता था तो उसके सड़क से लगी हुयी/मार्ग से लगी हुई/आबादी से सटी हुई एवं राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी हुयी जो दरों निधारित थी उक्त मालियत पर कृषि भूमि के रूप में स्टाम्प शुल्क अदा करना पड़ता था। वर्तमान रेट सूची में यदि कोई व्यक्ति कृषि भूमि का बैनामा किसी भी मार्ग पर क्रय करता है तो उसे 0.030 है0 तक आवासीय के रूप में स्टाम्प शुल्क अदा करना पडेगा तथा शेष भूमि के रूप में स्टाम्प अदा करना पड़ेगा। जो अत्याधिक त्रुटिपूर्ण है और प्रस्तावित रेट सूची में इस तरह के प्रस्ताव नहीं थे, इसके बाबजूद प्रस्तावित रेट सूची के रेट को ताक पर रखकर नये रेट सूची में मनमाने ढंग से एवं नियम विरूद्ध तरीके से अत्याधिक इजाफा किया गया। वार्डों का निर्धारण रेट सूची में पूर्व में त्रुटिपूर्ण था तथा वर्तमान में नगर पालिका के अनुसार निर्धारित वार्डों के अनुसार नहीं किया गया । जो कि त्रुटिपूर्ण है एवं यदि कोई व्यक्ति अपने आवासीय मकान का बैनामा रेट सूची में वार्ड के अनुसार कराता है। उपरोक्त नामांतरण के लिये नगर पालिका जाता है तो उसको यह कहकर वापिस कर दिया जाता है कि उसने गलत वार्ड में बैनामा करा लिया है, जिससे नामान्तरण नही हो सकता। जिससे आम आदमियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ राजस्व ग्रामों में यदि कृषि भूमि का बैनामा किया जाता है तो उन्हें वर्तमान रेट सूची में बढ़ी हुई दर 2 गुने के मालियत पर स्टाम्प शुल्क अदा करते हुये विक्रय करना पडेगा, जो त्रुटि पूर्ण व गैर कानूनी है। यह कि ललितपुर जिला बुन्देलखण्ड के अति पिछड़े जिले में आता है और जहॉ काश्तकार अत्यधिक पिछड़े वर्ग में आते हैं तथा जहॉ पर अधिकतर किसान लघु व सीमान्त की श्रेणी में आते हैं जो अपने 1-1 या 2-2 एकड़ की भूमि पर कृषि करता है और परिवार का भरण पोषण न होने की दशा में अपने परिवार के भरण पोषण हेतु अन्य. शहरों या दूसरे राज्यों में पलायन कर रहा है। बढ़ी हुई दरों के आधार पर विक्रय पत्र करने में सक्षम नहीं है । ऐसी स्थिति में बढ़ी हुई दरों को वापस किया जाना आवश्यक है। सामान्य निर्देश क्रमांक- 23, 24, 25, 26 व 37 पूर्ण रूप से खत्म किया जाना आवश्यक है एवं नियमानुसार प्रस्तावित रेट सूची के अनुसार 10 से 15 प्रतिशत के रेट बढ़ाये जा सकते थे। ऐसी स्थिति में रेट सूची का निर्धारण गलत एवं गैर कानूनी ढंग से किया गया है जो अत्यन्त त्रुटिपूर्ण है जिसे खत्म किया जाना आवश्यक है। जो कृषि भूमि राज्य सरकार द्वारा बॉध/हवाई पट्टी/रेल्वे द्वारा/सिंचाई विभाग द्वारा अधिगृहीत की गयी है जिसके सम्बन्ध में अधिगृहित भूमि का मुआवजा रेट सूची के अनुसार 4 गुने पर दिया जाता था जिसे वर्तमान रेट सूची में खत्म कर दिया गया और पुरानी निर्धारित दरों पर मुआवजा कृषक को दिया जायेगा जो अत्यन्त त्रुटिपूर्ण है। जिन्हें रेट सूची में खत्म किया जाना आवश्यक है। अतएव सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 01 दिसम्बर 2022-23 में जारी मूल्यांकन सूची जो अत्याधिक त्रुटिपूर्ण है एवं इसमें अत्याधिक मूल्यों का इजाफा किया गया जो नियम विरूद्ध व गैर कानूनी तरीके से जारी की गयी है । व्यापारियों ने उक्त बिन्दुओं पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुये सर्किल रेटों में की गयी बेतहाशा वृद्धि को अविलम्ब वापिस कराने की मांग उठायी। अन्यथा भविष्य में व्यापार मण्डल जनहित में जन आंदोलन को विवश होगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। इस दौरान प्रदेश चेयरमैन महेंद्र जैन मयूर, अनिल जैन, महेश मोनू, नवीन सिंघई, केदारनाथ तिवारी, पंकज बिरधा, संजीव कप्तान, संतोष साहू, मनोज जैन, विजय, जयनारायण शर्मा, आलोक जैन मयूर, मुकेश, राजेंद्र चौधरी, अभय जैन एड., मनोज सोनी मज्जू, उपेंद्र एंजिल, आनंद जैन, रोहित, पदमचंद, राजीव सुडेले, ज्ञान प्रकाश, मुलायम सिंह यादव, मनोज जैन, महेश सतभैया, अंकित सतभैया आदि मौजूद रहे।

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