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मासूमो के नाजुक कंधो में स्कूल बैग हल्का करने सुजाव कर स्वतंत्र रावत की मेहनत रंग लायी

Wednesday, February 1, 2023

/ by Today Warta



बांदा  लिए देश व्यापी मुहिम चलाई   सी बी एस सी बोर्ड स्वतन्त्र रावत द्वारा भेजे गए सुझाव पर दे चुका है धन्यवाद भारत के अलावा तेहरान, मास्को, काठमांडू से भी मँगा चुके हैं आर टी आई  बांदा/आज के युग में चाहे कोई दुकानदार हो या लोक सेवक शायद ही उसे अपने कार्यों को करने के अलावा समाज सेवा के कार्य जैसे शिक्षा, रेलवे आदि में व्याप्त समस्याओं पर लिखने की फुर्सत मिलती हो।ऐसे ही बांदा शहर के मोहल्ला की खिन्नी नाका निवासी स्वतंत्र रावत जो जिला उपभोक्ता आयोग में रीडर के पद पर  कार्य कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने राजकीय समय के साथ साथ यदि महसूस किया कि स्कूलों के पाठ्यक्रम का छोटे-छोटे मासूम नौनिहालों के कंधों पर बस्ते का बोझ कम होना चाहिए। इस पर उन्होंने सर्वप्रथम संपूर्ण भारत वर्ष के नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, केंद्रीय जवाहर नवोदय विद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रम की सूचना आरटीआई से मंगवाई। सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली के द्वारा भारत के 3 एंबेसी स्कूल जो मास्को, तेहरान और काठमांडू में चल रहे हैं। इन विदेशों में चल रहे केंद्रीय विद्यालय संगठन स्कूल की भी जानकारी श्री स्वतंत्र रावत ने आरटीआई 2005 के माध्यम से प्राप्त की।संपूर्ण भारतवर्ष की सूचनाओं को संकलित करने के बाद देश के प्रधानमंत्री को यह सूचनाएं भेजी गई और उन्होंने बताया कि संपूर्ण भारतवर्ष में जो स्कूलों में पाठ्यक्रम चल रहा है उसमें विसंगतियां हैं।निजी शिक्षण संस्थान मानता प्राधिकारी और नियंत्रित प्राधिकारी के निर्देश जिसमें कहा गया था कि स्कूलों के बस्ते का बैग हल्का होगा,यह निर्देश केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष के स्कूलों को जारी किए गए थे । श्री रावत ने संपूर्ण भारत वर्ष के किसी भी स्कूल अथवा संस्था का नाम लिए बिना संपूर्ण भारत वर्ष के अभिभावकों के हित में वर्ष 2012 से लगातार लगभग 11 वर्षों से छोटे-छोटे मासूम नौनिहालों के नाजुक कंधों में पढ़ने वाले मनमानी कॉपी किताब के बोझ को कम करने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा था।  मासूमो का दर्द एक दशक से अनुभव कर रहे हैं नई शिक्षा नीति से अभिवावक को लाभ होगा* अभिभावक के रूप में श्री स्वतंत्र रावत ने 8 जून 2022 को बच्चों के बस्ते का वजन कम करने के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को एक 14 बिंदुओं का सुझाव पत्र भेजा गया था जिस पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के द्वारा अपने पत्र दिनांक 7 नवंबर 2022 श्री स्वतंत्र रावत को व्यक्तिगत रुप से भेजते हुए लिखा गया था कि बोर्ड आपके सुझाव के लिए धन्यवाद करता है यह पत्र सीबीएसई बोर्ड के संयुक्त निदेशक श्री रमाशंकर के द्वारा श्री रावत को भेजा गया था तथा इसकी एक प्रतिलिपि अनुभाग अधिकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग शास्त्री भवन नई दिल्ली को भी भेजी गई थी जो वर्तमान में अब शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के नाम से जाना जाता है। इसी बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई  संपूर्ण भारतवर्ष के निजी शिक्षण संस्थानों के लिए कक्षा बार बच्चों के स्कूल बैग का भार तय कर दिया गया है साथ ही स्कूल बैग पॉलिसी 2020 भारत सरकार के द्वारा लागू कर दी गई है अब यह पॉलिसिया धरातल में लागू होना है। इन सब में सभी निजी शिक्षण संस्थानों को लोकहित में खुद से दृढ़ निश्चय कर सरकार के नियमों का पालन करने के लिए एकजुटता दिखानी होगी जिससे अभिभावकों  पर आर्थिक भार कम होगा और मासूमों के नाजुक कंधों का भार भी हल्का हो जाएगा। देश के अभिभावकों को उम्मीद जगी कि संभवत मासूमों के कंधों का स्कूल रूपी बैग हल्का होगा। इनके द्वारा प्रधानमंत्री को सुझाव लगातार भेजे जाते रहे हैं।  श्री रावत के द्वारा सैकड़ों आईटीआई अब तक मांगी जा चुकी हैं। मांगी गई आरटीआई में कभी भी किसी अधिकारी कर्मचारी की व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी गई और ना ही किसी व्यक्ति को विशेष कर मुद्दा बनाते हुए जो भी आईटीआई अथवा सुझाव भेजे गए हैं वह संपूर्ण भारतवर्ष के अभिभावकों के लिए भेजे गए हैं।

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