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अस्तित्व खो रहे कुएं, प्रशासन से मरम्मत की मांग

Saturday, February 18, 2023

/ by Today Warta



राकेश केशरी

कौशाम्बी। दशकों पूर्व समाजसेवियों द्वारा कुंओं का निर्माण कराया जाना पुनीत कार्य माना जाता था। परंतु बदलते परिवेश में उपेक्षा के चलते कस्बे के अधिकांश कुओं का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है जिसके चलते निष्प्रयोज्य पड़े कुएं बंद होते जा रहे है। एक जमाना था जबकि कुओं का ही पेयजल का प्रमुख साधन माना जाता था,परंतु बदलते समय में इन कुओं की सुधि लेने की फुर्सत नहीं है, जिसके चलते कस्बे के अधिकांश कुएं जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंचकर बंदी के कगार पर है। कई लोगों द्वारा तो अपने स्वार्थवश बंद पड़े कुओं में कूड़ा करकट डालकर बंद करने का कुचक्र किया जा रहा है। जबकि कई दशकों पूर्व लोग मोहल्लावासियों से चन्दा एकत्रित कर प्रतिवर्ष कुओं की सफाई कराते थे। इस ओर शासन,प्रशासन के द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि पुराने खस्ताहाल कुओं की मरम्मत कराये जाने का प्रावधान है। राज्य वित्त एवं तेहरवें वित्त से ग्रांम पंचायत को इस मद में खर्च करने की पूरी छूट दी गयी है। इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण समस्या की ओर ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझ रहे है। जबकि पूर्व के वर्षो में मनरेगा के तहत करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया गया, लेकिन कुओं की दशा सुधारने में कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामीण क्षेंत्र के लोगो ने जिलाधिकारी से जीर्ण-शीर्ण हालत में पड़े कुओं की मरम्मत कराए जाने तथा उनकी सफाई कराए जाने की मांग की है।


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