भूत प्रेत जैसी भ्रांतियों से लड़ 2 हजार मरीजों को दिला चुके हैं फायदा; पत्थरों की कटान से निकलने वाले धूल से यहां होती है बीमारी
प्रयागराज : पथरीला क्षेत्र, जहाँ पत्थरों के कटान से निकलने वाले धूल और धुंएँ में गुजारा करने वाले आसानी से टीबी की गिरफ्त में आ रहे हैं| शुरूआती लक्षण दिखने पर भी सही इलाज न कराने में सबसे बड़ी बाधा भूत प्रेत और अन्य भ्रांतियां बांटी थीं| इन्हीं भ्रांतियों को मिटाकर 10 साल में 2000 से ज्यादा मरीजों को स्वास्थ सुविधा दिला चुके हैं यहीं के श्याम बाबू | इस वक्त ग्राम प्रधान श्याम बाबू दस साल पहले और आज की स्थितियों में बड़ा बदलाव देखते हैं | शंकरगढ़ को टीबी मुक्त बनाने के लिए वह बैठक करके लोगों को टीबी के लक्षण, बचाव, जाँच और इलाज के बारे में जागरूक करते हैं, लोगों से मिलते हैं तो भी टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को मिटाने का प्रयास करते हैं | इसी का नतीजा है कि आज लोग खांसी-बुखार व अन्य लक्षण नजर आने पर जाँच को खुद से आगे आने लगे हैं | श्याम बाबू बताते हैं कि टीबी के प्रति लोगों में पहले कई भ्रांतियां थीं, जैसे - टीबी छूने, साथ खाना खाने, तौलिया इस्तेमाल करने और साथ रहने से फैलती है | कुछ लोग इसे वंशानुगत बीमारी तो कुछ इसे भूत प्रेत से जोड़ देते थे | इससे सामाजिक तानाबाना भी बिगड़ता था| इन गलत जानकारियों को दूर करना आसान नहीं था| काम मुश्किल जरूर था लेकिन समुदाय में पहले से लोगों से जुडाव काम आया और हम अपने मिशन में जुट गए | श्याम बाबू बताते हैं कि अक्षय कार्यक्रम के तहत छोटी छोटी बैठक, सर्वे, और एक एक व्यक्ति के साथ काम करते थे | लक्षण युक्त व्यक्ति को चिन्हित करने के साथ ही उनकी जाँच कराते थे | लोग विरोध भी करते थे लेकिन कदम थमे नहीं | मरीज जाँच के लिए स्वास्थ्य केंद्र नही जा सकता था तो अपने साधन से लेकर जाते थे और इलाज के लिए प्रेरित करते थे | मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते थे | जाँच जितनी बढी उतने ही ज्यादा मरीज सामने आये | लोगों को बीच में दवा छोड़ने से टीबी के गंभीर रूप लेने के बारे में सचेत करते थे | पौष्टिक आहार लेने के बारे में प्रेरित करने के साथ किसी भी तरह का नशा न करने की सलाह देते थे | श्याम बाबू ने एक वाकया का जिक्र करते हुए बताते हैं कि लम्बे समय से बीमार 50 वर्षीय मुन्नी लाल के जीने की आस परिवार वाले छोड़ चुके थे, ऐसे में उनकी स्थिति देखते ही साथ ले जाकर जाँच कराई और टीबी की पुष्टि होने पर विभाग द्वारा सरकारी एवं पूरा इलाज कराया | दवा और पौष्टिक आहार से मुन्नी लाल फिर से स्वस्थ होकर परिवार के साथ खुश हैं | श्याम बाबू अब तक 2000 से ज्यादा मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा दिला चुके हैं | उन्हें भावनात्मक सहयोग और पोषण सम्बंधित सहयोग के लिए भी जोड़ते हैं ताकि वह जल्दी स्वस्थ बन सकें | जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष 2022 में 15346 टीबी मरीज चिन्हित किये गए, इनमें 11867 स्वस्थ हो गए और 7220 का इलाज चल रहा है| इनमें पुरुष 4203 , महिलाएं 3017 और 318 बच्चे हैं | उन्होंने बताया कि पत्थरों की खदान और उनको तोड़ने से निकलने वाली धूल से बचने के बारे में भी उनको समय-समय पर जागरूक किया जाता है | शंकरगढ़ ब्लाक में 364 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है| जनपद में वर्ष 2022 में 2993 को गोद लिया गया है और 11717 को निक्षय पोषण योजना का लाभ मिल रहा है | शंकरगढ़ ब्लाक के चुन्दवा ग्राम निवासी भूपेन्द्र सिंह बताते हैं कि जब उनमें टीबी की पुष्टि हुई तो उन्होंने सरकारी इलाज को महत्त्व दिया | निक्षय पोषण योजना का लाभ मिला एवं पोषक आहार भी मिला |