राकेश केशरी
विद्यालय में पठन-पाठन ठप,अध्यापको को नही मिल रहा कई महीनो से वेतन
कौशाम्बी। सिराथू क्षेत्र के नेशनल हाईवे किनारे स्थित गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय इन दिनों अपने अस्तित्व को बचाने की जंग लड़ रहा है। 90 के दशक में जहां इस विद्यालय में एडमिशन के लिए छात्रों की लाइन लगती थी,तो वहीं इन दिनों यहां कोई पढ़ना ही नहीं चाह रहा है। विद्यालय की कक्षाएं सूनी है,अध्यापक विद्यालय के अस्तित्व को बचाने के प्रयास में जुटे हैं। जो बच्चे गुरुकुल में पढ़ रहे हैं वह भरपेट भोजन नहीं पा रहे हैं और पिछले तीन दिनों से भूखे हैं। विद्यालय के अधिकतर अध्यापकों को वेतन नहीं मिल रहा है। गौरतलब हो कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए सैनी निवासी स्व0 देव मुनि वानप्रस्थ व सिराथू कस्बे के रहने वाले केदार नाथ गुप्ता ने सन् 1958 में सिराथू कस्बा की एक छोटी सी जमीन में संस्कृत विद्यालय की नींव रखी थी। धीरे-धीरे विद्यालय का विस्तार होने लगा और छात्रों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ने लगी। 11 नवंबर 1964 को गरई गांव के रहने वाले सुरेश सिंह ने अपने पिता स्व0 राम बिहारी सिन्हा की पुण्यतिथि में गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय के नाम सैनी के नेशनल हाईवे किनारे की 22 बीघा 3 बिस्वा भूमि दान कर दिया,जिसके बाद संस्था में चार चांद लग गए। जबकि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर तमाम बच्चे केंद्रीय विद्यालयों के अध्यापक बने, बड़े-बड़े कथावाचक बने तो कुछ ने फिल्म जगत में नाम रोशन किया। विद्यालय के प्राचार्य कुलदीप त्रिपाठी ने बताया फतेहपुर निवासी अजय आर्य ने कई धारावाहिक में कार्य किया तो वहीं राम प्रकाश कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के शोध विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत है। आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश लखनऊ के तत्कालीन संयुक्त मंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव को 3 अक्टूबर 2015 को गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय सिराथू का प्रशासक नियुक्त कर दिया गया। जिसके बाद से विद्यालय में बदहाली का दौर शुरू हो गया है। विद्यालय के विभागाध्यक्ष व्याकरण मिनी केतन शास्त्री ने बताया कि 2019 में अजय कुमार श्रीवास्तव ने कूटराचित प्रपत्रों के आधार पर फर्जी तरीके से कमेटी बना लिया और खुद कमेटी का संरक्षक बन गया और अपने निजी विद्यालय माता प्रसाद इंटर कॉलेज टिकरी मवई महेवाघाट के प्रधानाचार्य दिलीप श्रीवास्तव को विद्यालय का प्रबंधक बना दिया। इसके बाद वह पहले प्राचार्य कुलदीप नारायण त्रिपाठी को कागज के हेरा फेरी का आरोप लगा कर संस्था से निलंबित करा दिया। फिर विभागाध्यक्ष व्याकरण मिनी केतन शास्त्री को भी जीपीएफ चालान चोरी के आरोप में निलंबित/सेवा समाप्ति करा दिया। जिसके बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश पर दोनो लोग पुन: बहाल हो गए। किन्तु विद्यालय के प्राचार्य को बीते 13 माह से वेतन नहीं मिला जबकि अन्य अध्यापकों को 3 महिने से वेतन नहीं मिला है। गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय सिराथू के प्राचार्य कुलदीप नारायण त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षा माफिया अजय कुमार श्रीवास्तव की नियत नेशनल हाईवे के बगल स्थित विद्यालय की 22 बीघा 3 बिस्वा बेस कीमती जमीन कब्जा करने की है। वह विद्यालय के पूरे अस्तित्व को खत्म कर इस जमीन में प्लाटिंग कर उसे बेचना चाहता है। बतां दें कि गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय की भूमि पर इन दिनों खेती होने लगी है। इस भूमि पर खेती का काम देखने वाले गरई निवासी भुल्लई ने बताया कि वह पिछले एक वर्षों से यहां खेती कर रहा है। खेती से हुए अनाज को आधा वह स्वयं ले लेता है आधा विद्यालय के संरक्षक अजय श्रीवास्तव को दे देता है। जबकि इस विद्यालय में पिछले 10 वर्षों पढ़ रहे शास्त्री द्वितीय का छात्र अनुज कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष जितनी हमने विद्यालय की बदहाली देखी पहले उतनी कभी नहीं देखी थी,आलम यह है कि रसोइए में ताला जड़ा हुआ है,पिछले तीन दिनों से हम और हमारी चार अन्य सहपाठी सब भूखें है। वही गुरुकुल वैदिक संस्कृत महाविद्यालय सिराथू के प्राचार्य कुलदीप नारायण त्रिपाठी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सारे आरोपों को निराधार बताकर 21 जून 2022 को बहाली का आदेश दे दिया था,उसके बावजूद भी जिले के डीआईओएस का वेतन बहाल नहीं करा रहे हैं।