कमल सिंह
बांदा/ नरैनी कोतवाली क्षेत्र के पड़मई गांव में हुई दुर्घटना
-दुर्घटना से नाराज ग्रामीणों और परिजनों ने लगाया जाम
बांदा। बेकाबू ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित गुमटी में घुस गया। इसमें एक बच्चे की दबकर मौके पर मौत हो गई। जबकि गुमटी के पास खड़े चार बच्चे घायल हो गए। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। शोरशराबा सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। इसी बीच नरैनी विधायक भी मौके पर पहुंच गईं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों की सहायता से शव को बाहर निकाला। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद एक बालक को रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। जाम काफी देर तक लगा रहा। पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। ग्रामीणों का कहना था कि चालक नशे में था।
नरैनी कोतवाली के पड़मई गांव निवासी रामसजीवन घर के ही पास सड़क किनारे पान गुटखा और अन्य सामान की गुमटी रखे हुए है। इसी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करता है। रविवार की दोपहर करीब एक बजे वह अपनी गुमटी में बैठा था। इसी बीच कई बच्चे सामान लेने के लिए खड़े हुए थे। इसी बीच अतर्रा की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर गुमटी में घुस गया। नजदीक खड़ा रामसजीवन का नाती बसंत (5) पुत्र अवध बिहारी मलबे में दब गया। वहीं नजदीक खड़े मनप्यारे के तीन बच्चे खुशबू (8), अमर (3), राज (2) और छोटू (3) पुत्र शिवमंगल, गुमटी में बैठा रामसजीवन (50) घायल हो गए। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मलबे में दबे बसंत को बाहर निकाला। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। शव देखते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर जाम लगा दिया। सूचना पाकर क्षेत्रीय विधायक अमरमणि वर्मा भी मौके पर पहुंच गई। जाम दो घंटे तक लगा रहा। सूचना पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। परिजनों व ग्रामीणों का कहना था कि मृतक बच्चे के परिजनों को मुआवजा और जमीन दी जाए। सूचना पाकर कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला, क्षेत्राधिकारी नितिन और उप जिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी मौके पर पहुंच गए। जाम लगाए परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। उप जिलाधिकारी ने मृतक के पिता को मुआवजा और पट्टे की जमीन देने की बात कही। साथ ही सभी घायलों का समुचित इलाज की जिम्मेदारी ली, तब जाकर कहीं जाम खुल सका। रामसजीवन के द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। तब जाकर ग्रामीण माने।
खून से लाल होती रहीं सड़कें, पांच दिन में 12 लोगों की मौत
बांदा। सड़कों पर बेतहाशा दौड़ रहे वाहनों की गति पर लगाम नहीं लग पा रही है। आए दिन कोई न कोई सड़क हादसे में अकाल मौत का शिकार हो रहा है। करीब पांच दिन में दंपति समेत 12 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। लगातार हो रही मौतों से लोग खासे हलाकान हैं। चित्रकूट के कामदगिरि निवासी शिवशंकर गुप्ता को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं बारातियों से भरी दो गाड़ियां आपस में भिड़कर चकनाचूर हो गईं। इसमें पांच बाराती प्रभात पांडेय, उमेश सिंह, अभिनय सिंह, कुलदीप सिंह, अतुल सिंह की अकाल मौत हो गई थी। वहीं जसपुरा थाना क्षेत्र के नांदादेव गांव निवासी होमगार्ड रामविशाल को भी अज्ञात वाहन ने कुचल दिया, उसकी भी मौके पर मौत हो गई थी। इधर, छतरपुर जिले के पड़वार गांव निवासी सुधीर सिंह (28) पुत्र राजाराम अपनी पत्नी अनीता (25) और बेटी मिट्ठी (8 माह) के साथ बाइक में बैठकर गांव आ रहा था। बोलेरो ने टक्कर मार दी, जिससे तीनो की मौके पर मौत हो गई। वहीं महोबा जिले के खजुरिया पहरा निवासी दीपक (20) पुत्र छोटेलाल को ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उसकी भी मौत हो गई। वहीं नरैनी के पड़मई गांव निवासी बसंत (5) पुत्र अवध बिहारी को रविवार की दोपहर ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उसकी भी मौत हो गई। इस तरह से पांच दिन में 12 लोगों की मौतें सड़क हादसों में हुई हैं।