राकेश केशरी
पभोषा पहाड़ के तल से सटाकर बनाया रास्ता, नदी धारा को किया परिवर्तित
कौशाम्बी। मंझनपुर तहसील के पभोषा स्थित यमुना नदी के मोरंग घाट पर पुरातात्विक नियमो ताक कर रख कर खनन-परिवहन किया जा रहा है। मोरंग कारोबारी बेखौफ होकर जैन तीर्थ के पहाड़ के तल से मोरंग परिवहन का रास्ता बनाकर ओवर-लोड ट्रक की निकासी कर रहा है। इतना ही नहीं यमुना नदी की दो प्राकृतिक धारा में एक को रोक कर रास्ता बना लिया गया है। खनन कार्य में लगे कारोबारी के इस कारनामे के सवाल पर खान निरीक्षक ने जानकारी होने से साफ इनकार किया है। पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र स्थित पभोषा गांव में यमुना नदी में मोरंग निकासी का टेंडर आवंटन किया गया है। गांव से होकर नदी के तल तक पहुंचने के लिए कारोबारी ने पभोषा पहाड़ के तल से सटा कर परिवहन का रास्ता तैयार कर लिया है। जबकि पुरातात्विक महत्त्व के पहाड़ पर लगे पुरातत्व विभाग के चेतावनी बोर्ड में स्पष्ट लिखा हुआ है कि पहाड़ क्षेत्र के 200 मीटर की परिधि में खनन अथवा निर्माण करने पर पूणत: रोक है। इसके लिए आरोपी व्यक्ति को दो साल की कैद एवं एक लाख रुपये का जुमार्ना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है। बावजूद इसके पुरातत्व विभाग के नियमो को दरकिनार कर खनन कारोबारी ने न सिर्फ रास्ता तैयार करा कर लिया बल्कि भारी वाहनों से ओवर लोड मोरंग का परिवहन बेखौफ होकर कर रहा है। इतना ही नहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों की खुलेआम धज्जियां खनन में उड़ाई जा रही है। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से यमुना नदी की दो प्राकृतिक धारा में एक धारा को निजी फायदे के लिए रोक कर रास्ता बना लिया गया है। जिसके जरिये घाट से भारी मोरंग वाहनों से परिवहन किया जा रहा है। खान निरीक्षक अजीत पांडेय ने बताया, नदी घाट से मोरंग निकासी का पट्टा आवंटित किया गया है। नदी की धारा रोके जाने एवं पहाड़ के तल से सटा कर परिवहन का रास्ता बनाये जाने की जानकारी नहीं है। इस सम्बन्ध में जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।