राकेश केशरी
रिश्तेदार कुछ दिन पहले उसे ले गए थे साथ
कौशाम्बी। प्रयागराज के घूरपुर इरादतगंज ओवरब्रिज के नीचे चार फरवरी को मिला शव बिरनेर गांव के रहने वाले अब्दुल अहद का था। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने पर पहुंचे परिजनों ने उसकी शिनाख्त कपड़ों व चप्पल से किया। शव की शिनाख्त होने पर पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों ने अहद का शव बिरनेर गांव लाकर बुधवार शाम दफन कर दिया। बिरनेर गांव निवासी जमील अहमद किसान है। उसका बड़ा बेटा अब्दुल अहद (24) ट्रक चालक था। उसने भिवंडी महाराष्ट्र में रहकर ट्रक चलाना सीखा था। पिता जमील के मुताबिक उनकी बड़ी बेटी जुग्गन और बहिन छंगो कौंधियारा थाना क्षेत्र के भोलानाथ का पुरवा मजरा जारी बाजार में ब्याही थी। उनके बेटे अब्दुल अहद और भांजे तौफीक व सुग्गन ने मिलकर दो साल पहले साझे में एक ट्रक खरीदा था। जिसमें अहद ने ट्रक खरीदने में सुग्गन व तौफीक को पांच लाख की मदद किया था।कुछ महीनों तक अब्दुल अहद उसी ट्रक को चलाता था। अनबन होने पर अहद ने ट्रक चलाना छोड़कर सुग्गन व तौफीक से अपना पांच लाख रुपया मांगना शुरू कर दिया। 25 जनवरी को सुग्गन अपनी गांव में रहने वाली बहिन शबाना को लेकर रुपये मांगने गया था। वहां शबाना अपनी बड़ी बहन जुग्गन के घर रुक गई। अहद को सुग्गन व तौफीक रुपये वापस लौटाने की बात कहकर बाइक पर बैठाकर ले गये। देर रात तक वापस नहीं लौटने पर बेटी जुग्गन और शबाना ने सुग्गन से अहद के बारे में पूछताछ किया तो दोनों ने बताया कि वह पैसा लेकर बिरनेर गांव चला गया। दो दिन तक अहद के गांव नहीं पहुंचने पर दोनों बहनों ने कौंधियारा थाना में उसके अपहरण की तहरीर दी। एक फरवरी को पुलिस ने सुग्गन व तौफीक के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। चार फरवरी को घूरपुर के इरादतगंज ओवरब्रिज के नीचे बोरी में भरा सड़ा गला शव बरामद हुआ, लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। तब पुलिस ने सोशल मीडिया पर शव का हुलिया वायरल किया। 6 फरवरी को घरवालों ने घूरपुर थाने पहुंचकर कपड़ों और चप्पलों से शव की शिनाख्त अब्दुल अहद के रूप में किया। अहद की मौत होने से परिजनों में कोहराम मच गया।