कमल सिंह
बांदा। एमबीबीएस प्रथम वर्ष का परिणाम रानी दुर्गावती मेडिकल काॅलेज के लिए चौंकाने वाला रहा। यहां के 51 फीसदी छात्र-छात्राएं फेल हो गए। खराब परिणाम से मेडिकल कॉलेज की मान्यता खतरे में पड़ सकती है। खराब रिजल्ट आने पर मेडिकल काॅलेज प्रशासन तरह-तरह की दलीलें दे रहा है। प्राचार्य ने शिक्षकों के साथ बैठक कर इसकी समीक्षा की। एमबीबीएस प्रथम वर्ष परीक्षा परिणाम शनिवार को घोषित हुआ। वर्ष 2021-22 में अध्ययनरत एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 100 छात्रों में 51 फेल हो गए। 49 छात्र-छात्राएं ही पास हुए हैं। रिजल्ट खराब आने से मेडिकल काॅलेज प्रशासन चिंतित है। मान्यता पर असर पड़ सकता है। हालांकि दलील दी जा रही है कि बीच सत्र में प्रोफेसरों के स्थानांतरण से पढ़ाई पर ज्यादा असर पड़ा है। नए प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर यहां आए तो उन्हें समझने में दो-तीन हफ्ते निकल गए। इन्हीं सब कारणों से परिणाम बेहतर नहीं रहा। प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि अगली परीक्षा का परिणाम बेहतर बनाने के लिए कवायदें शुरू की गई हैं। साथ ही मेडिकल काॅलेज के सभी चिकित्सा शिक्षकों के साथ बैठक कर खराब परिणाम की समीक्षा की जाएगी। उनके सुझाव पर अमल करते हुए विश्वविद्यालय को भी अवगत कराया जाएगा, जिससे अगला रिजल्ट बेहतर हो।

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