राकेश केशरी
कौशाम्बी। होली में शराब की अधाधुंध खपत से अनुज्ञापियों और शौकियों के सितारे चमक गए। दोआबा के मयखानों में मिलावटी शराब अब धड़ल्ले से बिक रही है। ओवर रेटिंग का खेल भी जारी है। आबकारी विभाग के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। रंग पर्व होली पर मदिरा पीने.पिलाने का शगल बनता जा रहा है। कुछ लोग मस्ती के लिए शराब पीते हैं तो कुछ नशे में टल्ली होने के लिए। वजह कुछ भी शराब की खपत अन्य दिनों की अपेक्षा होली पर बढ़ जाती है। इस बार की होली में भी लोगों ने जमकर पैग लड़ाया जायेगा। लिहाजा शराब की बिक्री भी खूब होगी। इसके बाद अंग्रेजी शराब की खपत के हिसाब से दुकानदारों को अच्छी शराब नहीं मिल पा रही है तो इन दिनों वह घटिया शराब लोगों को थमा रहे हैं। जिले में शराब की तमाम दुकानों पर आजकल यह कारनामा हो रहा है। करारी इलाके में तो मिलावटी शराब और ओवररेटिंग की हद हो गई है। गौरतलब हो कि सरकारी शराब के ठेको पर मिल रही मिलावटी शराब के सेवन से कभी भी किसी की जान जोखिम में पड़ सकती है। क्षेत्र के लोगों ने अफसरों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है। इस संबध में जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि दुकानों में मिलावटी शराब बेचे जाने का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायत मिलती है तो जांच कराकर दोषी अनुज्ञापी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पीयो, मगर संभलकर
होली के दिन मौज मस्ती और शराब का चोली दामन का साथ है। यही वजह है कि इस खास दिन को शराब की खपत बढ़ जाती है और पीने वाले पहले से ही अपनी जुगाड़ में लग जाते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिलें मे होली पर दो दिनों में करीब डेढ़ करोड़ की शराब लोग गटक जाते हैं। कई बार शराब की कई क्वालिटी एक साथ मिल जाने से पीने वालो की तबियत बिगड़ जाती है जिससे रंग में भंग पड़ जाता है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि मौज मस्ती में पीने की मनाही नहीं है,मगर अपना ध्यान भी रक्खो,के फामूर्ले को अमल मे लाएं। भांग का भी हिसाब रखना होगा। जानकारों की मानें तो सबसे अच्छी शराब देशी होती है। इसमें अल्कोहल की मात्रा सबसे कम होती है। अलबत्ता इसकी क्वालिटी थोड़ी सी कम जरूर होती है। इसे साधारण पानी से बनाया जाता है। इस शराब में मात्र 25 से 42 प्रतिशत ही अल्कोहल होता है जबकि अंग्रेजी शराब में अल्कोहल की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसमें 42.8 डिग्री अल्कोहल होता है। जो काफी नुकसानदायक होता है। इसमें खासियत बस यही होती है कि पानी को 80 डिग्री तक शुद्ध किया जाता है। जिसके चलते इसकी कीमत बढ़ जाती है। ज्यादा पीने के बाद अंग्रेजी शराब नुकसानदायक हो जाती है। इसे पीते समय हमेशा अपनी क्षमता का ख्याल रखना चाहिए। वहीं साधारण बीयर में तीन से पांच डिग्री व स्ट्रांग में पांच से आठ डिग्री तक अल्कोहल होता है। जो कहीं से भी नुकसानदायक नहीं होता है।
साथ न लें जीन,व्हिस्की व रम
शराब का सेवन करने वालों को ख्याल रखना चाहिए कि पीते समय जीन, व्हिस्की व रम को एक साथ न लें। व्हिस्की इनमें ठण्डी मानी जाती है इसलिए इसका प्रयोग गर्मी में लोग ज्यादा करते हैं। वहीं रम ब्रांड की शराब में गर्मी होती है इसलिए इसका सेवन ठण्ड के मौसम में होता है। इन दोनों का प्रयोग एक साथ होने से मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इस दौरान अगर जीन ब्राड की शराब पी लें तो दिक्कत दोगुनी बढ़ जाती है। ऐसे में एक ही शराब का सेवन करने का प्रयास करना चाहिए।
नशा बढ़ जाने पर खट्टी चीज का करें सेवन
शराब या भांग खाने के बाद ज्यादा नशा होने पर खट्टी चीज का अत्यधिक सेवन करना चाहिए। इस दौरान अत्यधिक नशा होने पर नीबू का घोल, खटाई के साथ आंवले का अर्क भी लिया जा सकता है। इससे नशा कम हो जाता है। इस दौरान मिठाई से दूर ही रहना चाहिए।

Today Warta