राकेश केशरी
कौशाम्बी। इसे चकबंदी कहें या चक्कर बंदी,सिराथू ब्लाक के गांवों में तकरीबन छह साल पहले चकबंदी के लिए गजट हुआ था उनमें से दो दर्जन से अधिक गांवों में अभी तक प्राथमिक प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पायी है। हालांकि नियम यह है कि गजट होने के बाद अधिकतम पांच साल के अंदर चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण हो जानी चाहिए। लेकिन यहां जो स्थिति है उससे लगता है कि पच्चीस साल में भी चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकेगी। सीओ चकबंदी बताते हैं कि गांवों के फिलहाल अभिलेख तैयार किये जा रहे। चकबंदी प्रक्रिया में हो रही देरी के पीछे उन्होंने स्टाफ की कमी को प्रमुख कारण बताया। उन्होंने माना कि गजट होने के बाद पांच साल के अंदर चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण करने का नियम है लेकिन जब तक व्यवस्थाएं सही तरीके से नहीं दी जायेगी तब तक प्रक्रिया को तेजी दे पाना मुमकिन नहीं है।