राकेश केशरी
कौशाम्बी। अघोरी बाबा आश्रम कैमा धमावा ब्लॉक सिराथू में चल रही नवदिवसीय श्रीराम कथा के आठवें दिवस की कथा में चित्रकूट धाम से पधारे प्रख्यात कथावाचक बटुक जी महाराज ने सीता हरण का प्रसंग सुनाया। लंकापति रावण के आदेशानुसार मामा मारीच सोने का मृग बनकर श्रीराम जी कुटी के पास दिखाई दिया। स्वर्ण मृग देखकर माता सीता उस पर रीझ गईं और श्रीराम जी से कहा कि मुझे इस स्वर्ण मृग की छाल चाहिए। इस पर भगवान श्रीराम जी स्वर्ण मृग का शिकार करने चले। कथावाचक बटुक जी महाराज ने बताया कि भगवान की कथा के श्रवण से दुखों से निवारण होता है। इसलिए लोगों को भगवान की कथा सुननी चाहिए। नवदिवसीय श्रीराम कथा के साथ नवदिवसीय श्रीराम महायज्ञ का भी आयोजन कार्यक्रम आयोजक त्यागी जी महाराज के सौजन्य से हो रहा है जिसमे प्रतिदिन अंतर्जनपदीय यज्ञाचार्य और तमाम वैदिक पंडितों के द्वारा यज्ञ कार्य संपन्न होता है। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक एवं अघोरी बाबा आश्रम के महंत त्यागी जी महाराज ने 5 मार्च रविवार के दिन आयोजित होने वाले वृहत भंडारे के लिए सभी क्षेत्रीय लोगों से तन, मन, धन से सहयोग करने का आह्वान किया। आठवें दिवस की कथा में अजय सोनी, बृजेंद्र तिवारी, राम नारायण तिवारी, सीताराम केसरी, श्रीचंद्र केसरवानी, यशवंत सिंह आदि मौजूद रहे।

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