राकेश केशरी
पुलिस पर उठा सवालिया निशान,एसपी का आदेश थाना पुलिस के ठेगे पर
कौशाम्बी। इसे पुलिस की निश्क्रियता कहें, या फिर अर्कर्ण्यमयता सैनी थाना क्षेत्र में भाँग के ठेकों पर खुले आम गाँजा की बिक्री की जा रही है। और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी इन माफियाओं पर हाथ नहीं डाल रहीं है। यह एक सोंचनीय प्रश्न बन कर रह गया है। जो पुलिस के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है? आखिर पुलिस इन गाँजा माफियाओं पर क्यों नहीं हाथ डालती यह प्रश्न लोगों को बार-बार सोचने पर मजबूर कर रहा है। गौरतलब है कि सिराथू कस्बा स्थित भाँग की दुकान पर खुले आम रेवड़ी की तरह गाँजा की पुडिया की बिक्री की जा रही है। जिसकी पूरी जानकारी स्थानीय पुलिस को है, फिर भी पुलिस इन गाँजा माफियाओं हाथ नहीं डालती है। इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि इस धन्धे में कहीं न कहीं से पुलिस भी जुड़ी हुई है। तभी तो बिना डर भय के इन भाँग की दुकानों पर खुले आम गाँजा की बिक्री की जा रही हैं। सूत्र बताते है कि सैनी,कड़ा,देवीगंज, अझुवा,गुलामीपुर,करनपुर,सिराथू स्थित भाँग की दुकान पर सुबह से लेकर देर रात तक गाँजा की पुडिया रेवड़ी की तरह बाँटी जाती है। गाँजा माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द हो चुके है कि इनके दिलों में जरा भी पुलिस का डर भय नहीं है। ग्राहकों से ये सीना ठोंक कर कहते हैं कि सबका हिस्सा जाता है, फिर डरने की क्या बात सीओ, कोतवाल, चैकी प्रभारी किस बात का हिस्सा लेते हैं। फिर किस लिए डरना। ऐसा नहीं इनकी बातों में दम भी नजर आ रहा है। जो पुलिस के दामन पर दाग लगाने का कार्य कर रहा है। वैसे तो पुलिस दो चार लीटर शराब बनाने के जुल्म में अक्सर गरीब तबके के लोगो को गिरफ्तार करके अपना कागजी कोरम पूरा कर लेती है जिनके यहां एक जून की रोटी का भी प्रबन्ध नहीं होता ऐसे लोगों को पुलिस जेल भेज कर अपनी पीठ जरूर थपथपा लेती है। लेकिन इन माफियाओ पर हाथ डालने में उसके पसीने छूट जाते हैं। सोंचने वाली बात यह है कि आखिर इन गाँजा माफियाओ पर पुलिस हाथ क्यो नही डालती जो लोगो को बार-बार सोंचने पर मजबूर कर रहा है। हो न हो लेकिन इतना तो जरूर है कि दाल में कुछ काला जरूर दिख रहा है। तभी तो पुलिस इन गाँजा माफियाओं को खुला परमिट दे रखा है। काश एक बार पुलिस कप्तान बृजेश कुमार श्रीवास्तव इन गांजा माफियाओं पर नकेल कस देतें।