बरेली अहमद के भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज ले जाने से पहले अफसरों ने उसकी बैरक खंगाली। इसके साथ ही बाहरी लोगों की गतिविधियों का पता लगाया। डीएम और एसएसपी ने जेल पहुंचकर बैरक तलाशने के साथ ही बंदियों से भी पूछताछ की। माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के बंद होने की वजह से संवेदनशील बनी जिला जेल (केंद्रीय कारागार-2) में शनिवार रात आला अधिकारियों ने फिर छापा मारा। सभी बैरकों की अपने सामने तलाशी कराने के साथ ही कर्मचारियों के अलावा जेल के अंदर आने वाले लोगों की गतिविधियों का बंदियों से बात करके पता लगाया। अशरफ के मददगारों पर कार्रवाई के बाद भले जी जेल प्रशासन सबकुछ सामान्य दिखाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन वास्तविकता इससे इतर है। जेल परिसर में अफसरों की बढ़ती सक्रियता इन दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। शनिवार देर रात डीएम शिवाकांत द्विवेदी, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी सिटी राहुल भाटी, पुलिस फोर्स के साथ जिला कारागार पहुंचे। परिसर का मुआयना करने के साथ ही बैरकों में बंदियों की तलाशी ली गई। अधिकारियों ने रसोईघर से लेकर अस्पताल तक का जायजा लिया गया। तन्हाई में बंद अशरफ की बैरक भी खंगाली। दूसरी बैरकों में बंद कैदियों से बातकर अधिकारियों ने अशरफ सहित जेल प्रशासन की गतिविधियों की टोह ली। इस दौरान सबकुछ सामान्य मिलने का दावा किया जा रहा है। दो दिन पहले भी अधिकारियों ने जिला जेल में छापा मारा था।माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को बी वारंट पर प्रयागराज ले जाने के लिए प्रयागराज पुलिस तीन दिन से शहर में डेरा डाले हुए है, लेकिन उसे ग्रीन सिग्नल नहीं मिल रहा है। ऐसे में वहां से आए पुलिसकर्मी भी उकता गए हैं। ल के पास टहलकर वक्त गुजार रहे प्रयागराज के पुलिस कर्मियों ने बताया कि तीन दिन से एक जोड़ी कपड़ों में ही घूम रहे हैं। उन्हें नहीं पता था कि इतने दिन रुकना पड़ेगा, नहीं तो उसी तैयारी के साथ आते। बताते हैं कि वज्र वाहन पुलिस लाइन के पिछले हिस्से में खड़ा है और पुलिसवाले होटलों में ठहरे हुए हैं।