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नगर निकाय चुनाव 2023: निर्दलीय से ज्यादा राजनैतिक दलो के प्रत्यासियों को अपनों से खतरा

Saturday, April 29, 2023

/ by Today Warta



राकेश केशरी  

कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव मैदान में उतरे भाजपा,काग्रेंस,सपा,बसपा,आम आदमी पार्टी आदि राजनैतिक दलों के अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को अपनी ही पार्टी के भितरघातियों से जूझना पड़ रहा है। उन्हें किसी भी तरह से मनाने का जुगाड़ लगाया जा रहा है। कारण कि ये विपक्षी दल से ज्यादा उनके अपने ही खतरनाक साबित होते दिख रहे हैं। हलांकि चुनाव आयोग की रणनीति को धता बताते हुए धन का वितरण जारी है। जिले में नगर निकाय चुनाव के दौरान जहां चुनाव आयोग की कड़ाई के चलते प्रत्याशी आचार संहिता के अनुपालन को लेकर परेशान हैं। आये दिन समर्थकों की नासमझी के चलते उन्हें मुकदमे की मार झेलनी पड़ रही है, वहीं पर पार्टी के रवैये से क्षुब्ध पदाधिकारी टिकट के दावेदार अपनी मांग पूरी न होने से नाराज हैं। ऐसे लोग हर दल के लिए समस्या बन रहे हैं। प्रत्याशी व उनके समर्थक पार्टी के अपने लोगों के उपेक्षित व्यवहार को लेकर खासे परेशान हैं। उन्हें मनाकर वापस मुख्य धारा से जोडने के लिए जहां दलों के बड़े नेता दबाव बना रहे हैं वहीं पर स्थानीय समर्थक भी उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्हें हर कीमत पर वापस लाकर भितरघात की समस्या पर रोक लगाने की कवायद प्रत्याशियों के खेमे में जोरों से चल रही है। समर्थक रणनीति तैयार करके उन्हें अपने साथ जोडने के लिए पूरी ताकत लगा दिये हैं। जब प्रत्याशी व उसके समर्थक नगर के वार्डो में मतदाताओं से प्रचार के लिए समर्थन मांगते हैं,तो मतदाता तुरन्त अपने समर्थन की बात बताकर प्रत्याशी को प्रसन्न कर देता है। लेकिन अपने विरोधी द्वारा उसका विरोध किये जाने की बात बता कर एक ओर उससे अपनी नजदीकी का इजहार करता है वहीं दूसरी ओर अपने विरोधी को प्रत्याशी का विरोधी बताकर उसका पत्ता प्रत्याशी के यहां से साफ करने का प्रयास करता है। वही नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर के चट्टी चैराहे पर प्रत्याशियों की हार जीत की चर्चा जोरों पर है। हर कोई गर्मजोशी से अपने.अपने प्रत्याशियों को जिताने में लगा है। समर्थकों के उत्साह का आलम यह है। कई बार चाय.पान की दुकानों पर प्रत्याशी जिताने की चर्चा वाक युद्ध तक पहुंचती है।


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