राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव के रणक्षेत्र में चल रही चुनाव आयोग की सख्ती लगभग सभी प्रत्याशियों के सिर चढ़कर बोल रही है। कहीं चूकवश आचार संहिता का उल्लंघन न हो जाए इसका भय जहां प्रत्याशियों पर हावी है। वहीं खासकर निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव रुपी महासमर में प्रतिभाग करने जा रहे निर्दल प्रत्याशियों की चिंता इसलिए बढ़ती नजर आ रही है कि वह अपना सिम्बल प्रत्येक मतदाताओं के पास कैसे पहुंचाएंगे। जिले में नगर पालिका परिषद / नगर पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी चरम पर है। लगभग सभी पार्टियों के प्रत्याशी व उनके समर्थक चुनाव प्रचार में जुटे हुए देखे जा रहे हैं। प्रचार में बिना परमीशन के बैनर,पोस्टर से लेकर ध्वनि विस्तारक यंत्रों तक के प्रयोग पर लगाई गई रोक से प्रत्याशियों को डोर.टू.डोर जाकर मतदाताओं को अपना चुनाव चिह्न याद दिलाना पड़ रहा है। अब देखा जाय तो जिन पार्टियों के प्रत्याशियों के चुनाव निशान पहले से एलाट है वह तो शुरू से ही अपना निशान लोगों को बताते फिर रहे हैं किन्तु ऐसे निर्दल व अन्य पार्टी प्रत्याशियों की चिंता बढ़ती दिख रही है। हालांकि कोई खुलकर आयोग के दिशानिदेर्शों का प्रतिकार तो नहीं करना चाहता किन्तु दबी जुबान वह यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि कहीं न कहीं उनके लिए यह दिशा निर्देश सौतेले व्यवहार को उजागर कर रहा है। बहरहाल आयोग के निर्देश व सख्ती के साथ उसके पालन के बीच यह चर्चा भी जोर पकड़े हुए है।