राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव में जहाँ सत्ता दल किसी भी सूरत में यह मौका गवाना नही चाहते है,वहीं विपक्ष भी चाहता है कि नगर पंचायत में उनका वर्चस्व कामयाब रहे,लेकिन इससे इतर निर्दलीय उम्मीदवार और कड़ा ब्लॉक में कब्जा बरकरार रखें, राजनीत में माहिर अनुज सिंह की माता भी इस बार अजुहा नगर पंचायत से इस बार पहली बार चुनाव लड़ रहीं है,वैसे तो अनुज सिंह समाजवादी पार्टी से राजनीति करते हैं,लेकिन जब भी चुनाव लड़ने की बात आई है समाजवादी पार्टी के नेताओं के गुटबाजी के चलते उन्हें टिकट नसीब नही हुआ। अतीत में जाये तो 2015 में ब्लॉक प्रमुख कड़ा से समाजवादी पार्टी से प्रमुख पद के लिए आवेदन किया और पार्टी ने धता बताते हुए इन्हें पार्टी से मौका नही दिया,लेकिन आपने संघर्ष के बूते इन्होंने ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी हथिया ली,इतना ही नही 2020 में भी समाजवादी पार्टी को कोई चेहरा नही मिला तो अनुज सिंह पर भरोसा जताना पड़ा। हालाकि जिले के एक माननीय नही चाहते थे,कि इनकी जीत हो फिर भी .भाजपा सत्ता होने के बावजूद अनुज सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी को लम्बे अंतर से चुनाव हराकर भाजपा को मात दी। विधानसभा 2022 में भी अनुज सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे,लेकिन समाजवादी पार्टी ने टिकट देने का वादा तो किया लेकिन एन वक्त में ठेंगा दिखा दिया,इसके बाद भी सब्र करते हुए पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया उसके साथ लगकर चुनाव को फतेह करने में सहयोग करने से पीछे नही हटे,नगर निकाय चुनाव में अनुज सिंह की माता जी ने समाजवादी पार्टी से अझुहा नगर पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया..लेकिन इस बार भी समाजवादी पार्टी के नेताओं को नागवार गुजरा और पूर्व की भाँति इस बार भी टिकट देने से इनकार कर दिया,इस बार करते तो क्या न करते उन्होंने पार्टी के आदेशों को नजर अंदाज करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया,जिसका चुनाव निशान पंखा (सेलिंग फैन) है..ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जिस तरह से सपा,भाजपा की लडाई जमीनी कार्यकर्ता को दोनों पार्टी ने नजर अंदाज किया उसका भीतरघात साफ देखा जा रहा है,ऐसे में जनता से जब बात चीत की गई तो लोगों के जुबान पर कड़ा ब्लॉक प्रमुख अनुज सिंह की माँ कान्ति देवी जिनका चुनाव निशान पंखा का नाम सुनने को मिलने लगा है,अब देखना है कि आगे जनता अपने नगर के मुखिया किसको चुनती है।