राकेश केशरी
कौशाम्बी। दोआबा में रविवार की सुबह से शुरू हुई बारिश ने एक बार फिर गेहूं की मड़ाई में बाधा डाल दिया। गेंहू के बोझ भीगने से अंतिम दौर की मड़ाई ठप हो गई। उधर खेतों में पड़ा भूसा भी पानी की भेंट चढ़ गया। बारिश के बाद तेज धूप में भूसे के सड़ने की संभावना है। इससे मवेशियों पर संकट खड़ा हो सकता है। जिले में गेंहू की मड़ाई का अंतिम दौर चल रहा है। मुश्किल से 15 से 20 फीसदी गेहूं की मड़ाई का काम बचा है। चार दिन पहले लगातार आ रही आंधी और बूंदाबांदी के चलते मड़ाई ठप थी। दो दिन धूप हुई तो शनिवार को गेहूं की मड़ाई में तेजी दिखी। रात भर किसानों ने मड़ाई का काम किया। रविवार की सुबह से गरज के साथ हुई तेज बारिश ने बचे हुए गेहूं के बोझ को एक बार फिर से भिगो दिया। इससे मड़ाई फिर से ठप हो गई है। इतना ही नहीं जिन किसानों ने मड़ाई करा लिया था उनका भूसा खेतों में पड़ा है। बारिश के पानी में भीगे भूसे के सड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इससे किसानों के मवेशियों के लिए चारे का संकट खड़ा हो सकता है।