राकेश केशरी
प्रत्येक महीने लाखों रुपए राजस्व की लग रही है चपत
मामला कौशाम्बी थाना क्षेत्र स्थित हिसामबाद गढ़वा गांव के यमुना घाट का
कौशाम्बी। जिले की यमुना नदी से निकलती लाल बजरी,जहां जिले से प्रदेश में जिले के राजस्व को बढ़ाती है,वहीं दूसरी ओर यह लाल बजरी जिले में अधिकारियों को भ्रष्ट बनाने में अपनी महती भूमिका निभाती नजर आ रही है। स्थिति यह है कि लाख रोकने के बाद भी धड़ल्ले से खुलेआम अवैध घाट चल रहे हैं। आज खुलासा मंझनपुर तहसील क्षेत्र के कौशाम्बी थाना क्षेत्र स्थित हिसामबाद गढ़वा गांव के यमुना घट में चल रहे अवैध बालू खनन का है। सूत्रों के अनुसार यहां पर खुलेआम यमुना के सीने को चीर कर दिन रात अवैध रूप से बालू निकाला जा रहा है, जिसकी प्रत्येक महीने करोड़ों रुपए मूल्य की जाती है। इससे सरकार को लाखों रुपए राजस्व भी मिलना चाहिए,लेकिन स्थानीय स्तर पर तहसील प्रशासन की मिलीभगत से यह घाट धड़ल्ले से चल रहा है। जहां प्रत्येक रात दर्जनों टैक्टर बालू निकाली जा रही है,लेकिन किसी भी जिम्मेदार व प्रशासनिक अधिकारी की नजर अभी तक घाट की ओर नहीं गई,जबकि कई बार इस घाट में हो रहे अवैंध खनन की शिकायत हो चुकी है और इसके अवैध खनन के वीडियो वायरल है। बताते चलें कि मंझनपुर क्षेत्र के कौशाम्बी थाना क्षेत्र के हिसामबाद गढ़वा गांव में खुलेआम यमुना के सीनों को चीरकर यमुना के अवैध रूप से बालू निकाली जा रही है,यहां पर इस गांव में किसी प्रकार का बालू पट्टा नहीं है। सूत्रों की मानें तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए महीनेवारी लेकर इस गोरखधंधे को बदस्तूर जारी रखा गया है। मामले की शिकायत भी जिले के आला अधिकारियों से की जाती है,तो इसको महज खानापूर्ति तक ही सीमित रखा जाता है। सूत्र बताते है कि इस घाट से हर रात दर्जनों की संख्या में ट्रैक्टरों व खच्चर से लादकर बालू निकलती है। जिस पर पुलिस के अधिकारियों एवं प्रशासन के जिम्मेदारों की नजर सिर्फ इसलिए नहीं जा रही है कि हिस्सेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की ओर जाती है। क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस अवैध बालू खनन की ओर आकृष्ट कराया है।