राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव की तिथियां जैसे.जैसे करीब आती जा रही है। वैसे वैसे द्वाबा के सभी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों क्षेत्रो में अवैध शराब की गंध चुनावी हवाओं में तैर रही है। चुनावी वातावरण में अवैध शराब पर नकेल कसने की प्रशासनिक कार्यवाही भी असफल साबित हुई है। कम पैसे में बिकने वाली अवैध शराब आने वाले दिनों में जहां चुनावी प्रक्रिया में खलल डाल सकती है,वहीं प्रशासन के मत्थे पर बल भी पड़ सकता है। चुनावी मौसम में फैलती अवैध शराब की गंध चुनाव आयोग के मंसूबों पर पानी फेर सकती है। कौशाम्बी जनपद में
खास तौर पर अवैध शराब की जड़ें काफी गहरी हैं। कुछ भ्रष्ट सुरक्षा प्रहरियों के संरक्षण में अवैध शराब का धंधा बरसीम घास के समान है जिसका एक पौधा काटने पर दस नये पौध तैयार हो जाते हैं। आज के परिवेश में प्रशासन की कार्यवाही से जितनी अवैध भट्टी खत्म होती हैं,दुगुनी भट्टी क्षेत्र में फौरन तैयार हो जाती हैं। नगर निकाय क्षेत्र के नागरिको ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि चुनाव के पूर्व यदि अवैध शराब निमार्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई की जाती तो शायद कारोबारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं होती। आज कारोबारियों के लिये अवैध शराब निर्माण उनके परिवार के भरण पोषण का साधन बन चुका है। जीविका के इस साधन को चुनावी वातावरण में खत्म कर पाना दिन में स्वप्न देखने के समान है। चुनावी सरगर्मी को देखते हुये अवैध शराब की खपत दिन दूना रात चैगुना बढ़ती ही जा रही है। इससे जहां चुनावी वातावरण में खलल पड़ सकती है,वहीं शांति पूर्वक चुनाव कराने की चुनाव आयोग की मंशा पर पानी फिर सकता है। इस सम्बंध में नगर निकाय क्षेत्र में पडने वाले थाना व चैकी प्रभारियो का कहना है कि क्षेत्र में अवैध शराब का निर्माण रोकने व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही चुनाव के पहले तथा बाद में होती रहेगी। इसके लिये रणनीति तैयार हो गयी है।