राजीव कुमार जैन रानू
ग्राम लागौन में हुआ भव्य आयोजन
ललितपुर। ग्राम लागौन में वार्षिक विमान उत्सव एवं श्रीजी की शोभायात्रा उपाध्याय 108 श्री विशोकसागर महाराज एवं मुनिश्री विनिवोधसागर महाराज के सानिध्य में बहुत ही भव्यता के साथ संपन्न हुई। सुबह मूलनायक भगवान श्री 1008 पारसनाथ भगवान का मंगल अभिषेक एवं शांतिधारा मंदिर में उपाध्याय विशोक सागर एवं मुनिश्री विनिबोध सागर के सानिध्य में सानंद संपन्न हुई, जिसमें भक्तों ने अपनी चंचला लक्ष्मी का हृदय से सदुपयोग करके बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसके उपरांत पारसनाथ विधान सानंद संपन्न हुआ। तत्पश्चात मुनि संघ की मंगल आहार चर्या ग्राम लागौन में संपन्न हुई। मुनिश्री की सामायक के उपरांत दोपहर 2 से श्रीजी का मंगल विहार विमान महोत्सव का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जिसमें सर्व प्रथम भक्तों ने मंदिरजी के शिखर पर ध्वजा चढ़ाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। तत्पश्चात श्रीजी को विमान में भ्रमण करने की योग्यता प्राप्त करके श्रीजी को विमान में विराजमान किया गया एवं शुद्ध वस्त्रों में श्रीजी के विमान को गांव में भ्रमण कराने हेतु भक्तों ने बोलियों के माध्यम से बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। शोभायात्रा श्री दिगंबर जैन पारसनाथ बड़ा मंदिर से मुनिश्री की अगवानी में प्रारंभ हुई। मुनिश्री के आगे खंदार जी से आए हुए सेवादल का बैंड अपनी अद्भुत छटा एवं सुंदर दिव्याघोष से सभी श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर रहा था। साथ ही डीजे की मधुर आवाज में बज रहे धार्मिक भजनों की धुन पर सभी भक्त भाई बहिन नाचते गाते हुए आगे बढ़ रहे थे। पूरी शोभायात्रा में ग्रामीण वासियों की सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित थी एवं जगह-जगह पर मुनि श्री का पाद प्रक्षालन एवं श्रीजी की मंगल आरती अपने घर के सामने सभी भक्त कर रहे थे। शोभायात्रा में चल भक्तों के लिए जगह जगह पर शुद्ध जल एवं शीतल पेय का प्रबंध किया गया था। श्री जी की असीम अनुकंपा से शोभा यात्रा के पूरे समय तक मौसम भी बहुत सुहावना हो गया था। पूरे ग्राम भ्रमण के उपरांत शोभायात्रा पंडाल में धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। धर्म सभा में सर्वप्रथम मुनि श्री के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट के बाद आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन किया गया। मुनिश्री ने बताया कि आज के समय में जहां गांव गांव से मंदिर उठकर शहरों की ओर जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लागोंन जैसे गांव में मात्र 10 घरों की समाज ने दोनों मंदिरों की सुंदर व्यवस्था एवं विमानोत्सव जैसेभव्य आयोजनों की परम्परा को कायम रखा है, यह बहुत ही प्रशंसनीय है और अनुकरणीय है। मुनिश्री ने दिगंबर जैन पंचायत समिति की पूरी कार्यकारिणी को दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया एवं इसी प्रकार लगे रहकर धार्मिक आयोजनों को आयोजित करने का निर्देश दिया।