राजीव कुमार जैन रानू
जीनोम सीक्वेंसिंग को लखनऊ भेजे 45 सैंपल
कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाएं और बीमारी आसपास न आए
ललितपुर। कोविड के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी की है। जहां विभाग ने कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने के लिए 45 सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ भेजे गए हैं। वहीं, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओ की स्थिति मॉकड्रिल के माध्यम से जांची जाएगी। जिले में कोरोना के केस एक बार फिर निकलने लगे हैं। मार्च महीने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है, जो कि चिंता का कारण बना हुआ है। 17 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक 54 मरीज निकले हैं। वर्तमान में जनपद में 33 मरीज एक्टिव हैं। इसके मद्देनजर विभाग द्वारा कोरोना से निपटने की तैयारी की जा रही हैं। इसी क्रम में अस्पतालों में पलंग आरक्षित किए जा रहे हैं। हालांकि, पूर्व में हुए टीकाकरण ने संक्रमण के प्रभाव को कम किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए सतर्कता व कोविड प्रोटोकॉल का पालन और टीकाकरण बेहद जरूरी है। इस समय समारोह व दावत के आयोजन हो रहे हैं। ऐसे में बरती गयी लापरवाही कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है। महामारी विशेषज्ञ डा.देशराज ने बताया कि जिला अस्पताल में 20, तालबेहट, बार, महरौनी व मड़ावरा में केस बढऩे की स्थिति में पलंग आरक्षित किए जाएंगे। जरूरत पडऩे पर पलंगों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा ललितपुर में 1000 लीटर प्रति मिनट, तालबेहट में 500 लीटर प्रति मिनट, महरौनी में 250 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है। वहीं, जनपद में 449 ऑक्सीजन सिलेंडर व 325 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। आने वाले दिनों मॉक ड्रिल (फुल रिहर्सल)के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों की स्थिति को परखा जाएगा। जिले में कम लक्षण वाले कोविड मरीज ही निकल रहे हैं, जो घर पर रहकर स्वस्थ्य हो रहे हैं। अब तक कोई भी मरीज गंभीर एवम मध्यम लक्षण वाला सामने नहीं आया है।
मॉक ड्रिल 11 और 12 अप्रैल को
जिले में कोविड की तैयारी परखने के लिए 11 व 12अप्रैल को मॉक ड्रिल की जाएगी। सीएचसी महरौनी, बार, तालबेहट, मड़ावरा एवं जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस दौरान वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लांट, पीपीई किट, मास्क, औषधीय सामग्री, उपयोग की सामग्री की उपलब्धता देखी जाएगी।
कोविड के लक्षणों को न लें हल्के में
महामारी विशेषज्ञ डा.देशराज ने बताया कि कोविड के वेरियेंट में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। इसलिए कोविड को हल्के में न लें। वर्तमान में गले में खराश, नाक बहना, बुखार, गले में दर्द, सूंघने की क्षमता कम होना आदि कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं। निर्जलीकरण को रोकने के लिए तरल पेय पदार्थ जिनमें नारियल पानी, फलों का जूस व ओआरएस का घोल लेते रहे, लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग चिकित्सक की सलाह के बिना न करें।