राजीव कुमार जैन रानू
जगह जगह पलक पावड़े बिछाकर की गयी श्रीजी की आरती
मड़ावरा/ललितपुर। जैन धर्म के 24वे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2622 वे जन्मकल्याणक के शुभ अवसर पर कस्वा मड़ावरा में भव्य विशाल रथशोभायात्रा निकाली गयी जिसमें आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के कर कमलों से नवदीक्षित क्षुल्लक निर्धूम सागर जी का मंगल सानिध्य दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा को प्राप्त हुआ। नगर गौरव क्षुल्लक निर्धूम सागर जी के मंगल सानिध्य में कस्वा मड़ावरा में आयोजित किये गए भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर कस्वे में सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रम प्रारम्भ हो गए थे जिसमें चन्द्रप्रभु जिनालय से भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा को विद्याविहार में गाजे बाजे से लाया गया जहां क्षुल्लक के सानिध्य में शांतिधारा अभिषेक आदि क्रियाओं के उपरांत भगवान महावीर स्वामी महामण्डल विधान का आयोजन किया गया। तत्पश्चात क्षुल्लक निर्धूम सागर ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए बताया कि भगवान महावीर स्वामी ने अहिंसा परमो धर्म की राह पर चलने की सीख सम्पूर्ण जगत को प्रदान की है जिसपर चलकर ही जीव का कल्याण हो सकता है।
श्रद्धालुओं ने जगह जगह पावड़े बिछाकर उतारी श्रीजी की आरती
दोपहर में कस्वे में एक विशाल रथशोभायात्रा का आयोजन सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा किया गया जो कि पुराना बाजार से प्रारंभ होकर बैरियल चौराहा,मदनपुर रोड वाया थाना होकर महावीर विद्याविहार तक पहुंची जिसमें अग्रिम पंक्ति में नवयुवक बेंड बाजे बजाते हुए चल रहे थे इसके बाद घुड़ बग्गियों पर इंद्र इंद्राणी बने पुण्यार्जक परिवार बैठकर चल रहे थे। तो वहीं महिलाएं, नवयुवतियां व विद्यासागर वर्णी संस्कार पाठशाला के बच्चे हाथों में धर्मध्वजा व माता के सोलह स्वप्नों की तख्तियां लेकर व नृत्य करते हुए चल रहे थे। इसके पीछे श्रद्धालु गगनभेदी धार्मिक नारे लगाते हुए क्षुल्लक के साथ क्रम बद्ध तरीके से चल रहे थे। रथ में बैठने हेतु पुण्यार्जक बने श्रद्धालु महावीर स्वामी की मनमोहक प्रतिमा को रथ में सवार कर चंवर ढुलाते हुए चल रहे।