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साफ सफाई और पूरा ध्यान, बचाए डायरिया से जान

Thursday, May 4, 2023

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र

हाथों की साफ सफाई का रखे खास ख्याल

ललितपुर। ज्यादातर बीमारियां हाथों के स्वच्छ नहीं होने पर फैलती हैं। कोरोना के संक्रमण से लेकर बच्चों में डायरिया होने के पीछे का एक कारण हाथो का स्वच्छ न होना है। बच्चो में दस्त या डायरिया बड़ों के मुकाबले कई गुना ज्यादा घातक होता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलोजी एंड इन्फोर्मशान (एनसीबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार पाँच वर्ष के बच्चों की मृत्यु में लगभग 13 प्रतिशत बच्चों की मौत का कारण डायरिया होता है। पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 30 से 50 लाख बच्चे पेचिस की बीमारी से ग्रसित होते हैं एवं दो लाख बच्चे डायरिया की चपेट में आकर अपनी जान भी गँवा देते हैं। यह कहना है सीएमओ डा.जे.एस.बक्शी का। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि बच्चों के साथ साथ अधिकतर माताएँ भी हाथ की सफाई का ख्याल नहीं रखती। गंदे हाथो से ही बच्चों को खाना खिला देती हैं। जिस कारण बच्चों के पेट में संक्रमण की वजह से दस्त लग जाते हैं। माताओं को हाथों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाना बनाते वक्त एवं बच्चों को खाना खिलाते वक्त उन्हे अपने हाथ साबुन अथवा हेंडवॉश से अवश्य धोने चाहिए। पेट खराब होने से दस्त लगना एक आम बात है। परंतु गभीर परिस्थिति में यह जानलेवा हो सकता है। खासतौर से जब बात छोटे बच्चो की हो। डायरिया होने के मुख्य कारणों में से एक है गंदे हाथों को मुंह में डालना या उससे कुछ खाना। यदि पतले दस्तों के साथ आँव या खून आने लगे तो इसे डिसेंट्री या पेचिस कहते हैं। भारत में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख बच्चे डायरिया से होने वाले निर्जलीकरण यानि कि पानी कि कमी हो जाने के कारण अपनी जान गँवा देते हैं। डिस्ट्रिक पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डा.सौरभ सक्सेना ने बताया कि माताएं साफ सफाई का ध्यान रखे, बच्चो को खाना खिलाने वाले बर्तन, दूध की बोतल आदि की स्वच्छता का ध्यान रखे। बड़े बच्चों में हाथो की साफ सफाई बनाए रखने की आदत डाले। खेल के आने के बाद, खाने से पहले एवं शौच के बाद बच्चों को साबुन से हाथ धोना अवश्य सिखाएँ। महामारी विशेषज्ञ डा.देशराज सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए ठीक से हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योंकि हाथों से ही संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। अधिकतर लोगों को अब तक हाथ धोने का सही तरीका नहीं पता है। जिस वजह से हाथ धोने में ज्यादातर लोग अक्सर लापरवाही बरतते हैं। इसके लिए लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है। साबुन से हाथ धोने से डायरिया जैसी बीमारियो में 30 प्रतिशत तक और हाथ की गन्दगी से होने वाले संक्रमण विशेष रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। बच्चों को दस्त से बचाने के लिए रोटा वायरस वैक्सीन लगवाए। यह वैक्सीन डेढ़ महीने, ढाई महीने एवम साढ़े तीन महीने में लगाया जाता है।

इन बातों का ध्यान

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक संक्रमण से बचाव के लिए दिनभर में पांच बार हाथ धोना जरूरी है। अगर आप बाहर निकलते हैं तो ज्यादा बार हाथ धोना जरूरी है। अगर आप किसी रोगी की देखभाल में लगे हैं तो नाखून छोटा और साफ रखें। हाथ साफ करने की जगह को भी साफ-सुथरा रखना जरूरी है। वॉश बेसिन में गंदगी न होने दें। हाथ पोंछने के लिए अलग-अलग तौलिए का इस्तेमाल करें। तौलिए में हाथ पोंछने के बाद उसे धूप में डाल दें, संभव हो तो उसे साफ भी कर दें।

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