राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव 2023 में किसको कितना मिला मत यह तो 13 मई को ही साफ होगा लेकिन मतदान में छोटे.मोटे दलों सहित निर्दल प्रत्यासियों और भीतरघातियों की भूमिका को लेकर तरह.तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। देखने वाली बात यह होगी कि इनकी भूमिका क्या गुल खिलाती है। चुनाव में मतदाताओं को अपनी ओर मोडने के लिए प्रत्याशियों द्वांरा हर हथियार का प्रयोग किया गया। गुरुवार को मतदाताओं ने भारी तादाद में नगर निकाय के अध्यक्ष पद व सदस्य पद हेतु मतदान कर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला भी कर दिया। मतदाताओं का फैसला बैलेट बाक्स में सुरक्षित भी हो गया है। कौन बनेगा मुकद्दर का सिकंदर इसका फैसला तो 13 मई को मतगणना के बाद सामने आएगा लेकिन तब तक लोग चुनावी नतीजे को लेकर जोड़.तोड़ में लग गए हैं। चुनाव में छोटे दलों व निर्दल प्रत्यासियों की भूमिका लेकर जहां चर्चा हो रही है वहीं पार्टी के भीतरघातियों की भूमिका को लेकर भी लोग तरह.तरह की बात करने लगे हैं। सिराथू नगर निकाय में प्रमुख मुकाबला तो भाजपा व सपा पार्टियों के बीच होने की संभावना जताई जा रही है,जबकि निर्दल प्रत्यासियों सहित अन्य दलो के प्रत्यासियों को वोटकटवा के रुप में आंका जा रहा है। जबकि नगर पालिका मंझनपुर में त्रिकोणीय संघर्ष रहा,वही नगर पालिका भरवारी में भी भाजपा व सपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है, जबकि नगर पंचायत अझुवा व दारानगर कडाधाम में भाजपा व सपा के अध्यक्ष पद के प्रत्यासियों को निर्दल प्रत्यासी कडी टक्कर दे रहे है। इसी तरह नगर पंचायत करारी व पूरब पश्चिम शरीरा में भी भाजपा,सपा बसपा को निर्दल प्रत्यासी कडी टक्कर दे रहे है, वही नगर पंचायत सराय अकिल में सपा व आम आदमी पार्टी के बीच सीधी टक्कर रही। जबकि नगर पंचायत चायल व चरवा में भी दलगत प्रत्यासियों को निर्दल प्रत्यासी कडी टक्कर दे रहे है। इस बीच विभिन्न पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं की भूमिका को भी लोग नजर अंदाज नहीं कर पा रहे हैं। कहा जा रहा है कि लगभग सभी प्रमुख पार्टियों में विभीषण की भूमिका निभाने वालों की जमात रही है। इनकी भूमिका भी चुनावी नतीजे पर असर डाल सकती है।