राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
बारा प्रयागराज। बारा क्षेत्र में आये दिन बिजली व्यवस्था धड़ाम होती जा रही है।कभी 33 हजार लाइन ब्रेक डाउन हो जाती है तो कभी पावर हाउस से आने वाली लाइन में फाल्ट होता रहता है। आखिर बिजली विभाग की यह कैसी व्यवस्था है ? क्या बिजली के तार या खम्भे कागज या घास-फूस के बने हैं, जो जरा सा भी पानी बरसने या हवा चलने से भी मुरझा जाते हैं। इस बार तो समूचे बारा क्षेत्र में 33 हजार लाइन सबसे ज्यादा ब्रेक डाउन हुई है। कभी बिजली विभाग ने इस पर भी विचार किया है कि हम लोग उपभोक्ताओं से जबरन वसूली तो करते हैं और सप्लाई कितने घण्टे दे रहे हैं। जिस दिन बारा क्षेत्र के उपभोक्ताओं का धैर्य जवाब देगा, उस दिन बिजली विभाग के कर्मचारियों को गांवों में जाने से पहले सोचने पर विवश होना पड़ेगा। सबसे मुसीबत खड़ी है कि सरकार द्वारा मिट्टी का तेल भी बन्द किया जा चुका है,अब शाम को बिजली कटने पर लोगों के घर खाना बनाने की समस्या, बच्चों को पढ़ने की समस्या,वृद्धों और रोगियों को हवा न मिलने की समस्या, नवजात शिशुओं को मच्छरों से समस्या, बारिश का मौसम होने से जहरीले जीव-जंतुओं की समस्याओं से उपभोक्ताओं को कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। बारा क्षेत्रवासियों ने बिजली विभाग एवं प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि जितना जोर उपभोक्ताओं को बिल जमा करने पर दिया जाता है, उतना जोर ही बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने में लगाने से आमजनमानस व बिजली विभाग दोनों खुशहाल हो सकते हैं।

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