आलोक मिश्रा
पुलिस की गश्ती के बावजूद धड़ल्ले से होता है ओवरलोड ट्रको का परिचालन
सरायअकिल,कौशाम्बी। भाजपा सरकार के मंत्री से लेकर अधिकारी व नेता ईमानदारी का ढिंढोरा पीट रहे हैं,लेकिन कौशाम्बी जनपद में भ्रष्टाचार का यह आलम है कि ओवरलोड ट्रकों पर परिवहन विभाग एवं खनन विभाग अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इस पूरे खेल में संबंधित विभागों सहित पुलिस प्रशासन की मिलीभगत है, जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ओवरलोड ट्रकों के कारण सड़क जर्जर हो रही हैं। वहीं सड़क पर ट्रकों के खराब हो जाने के कारण रास्ता भी जाम हो रहा है, जिससे आवागमन करने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राहगीरों की मांग है कि ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाई जाए,वही इस संबंध में कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बतां दें निर्माण में गुणवत्ता की कमी सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की एक वजह हो सकती है,लेकिन सड़कों की बदहाली के लिए केवल एक विभाग को दोषी ठहरा देना अन्य गुनहगारों को माफी देने की तरह है। कौशाम्बी से प्रयागराज मार्ग का सड़क इस कदर खराब हो रही है,कि इस पर यात्रा करना दुस्वारी से कम नहीं। इस मार्ग पर ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है, लेकिन पुलिस और उप संभागीय परिवहन विभाग आंख मूंदे पड़े हैं। जब शिकायतों का पुलिंदा बढ़ जाता है तो लोक निर्माण विभाग पर दोष मढ़कर कार्य की इतिश्री कर ली जाती है। लेकिन ओवरलोड ट्रको पर कोई कार्यवाही नही होती है। आखिर क्या कारण है कि प्रशासन इन ओवरलोड ट्रको पर कार्यवाही नही कर रहा है..? आखिर क्यों मेहरबान है प्रसासन? यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। सूत्रों की माने तो ओवरलोड गाडियों से उपसंभागीय परिवाहन विभाग कौशाम्बी द्रारा प्रति गाड़ी पांच हजार रुपए की वसूली की जातीं है।