देश

national

बुर्जुगों के मान व सम्मान से मिलता सुकून : आलोक राय

Friday, September 30, 2022

/ by Today Warta



राकेश केसरी

अंर्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस विशेष

हर दिन हर समय बुजुर्गों का करें सम्मान

कौशाम्बी।  बुजुर्गों को ईश्वर का ही रूप माना जाता है, क्योंकि वह हमें पालते और पोषते हैं। इस लायक बनाते हैं कि हम कुछ कर सकते हैं। उनके सम्मान के लिए एक दिन निर्धारित करने से बेहतर है कि उनका सम्मान हर दिन, हर समय होना चाहिए। विश्व वृद्धजन दिवस एक प्रतीक मात्र है कि बुजुर्गों के सम्मान को लेकर हम सचेत रहें। हालांकि, बुजुर्गों का वास्तविक सम्मान उनकी बातें को पूरा करने में है। बुजुर्ग नाम सुनते ही उम्र के अंतिम पड़ाव पर खड़े लोगों का चेहरा ध्यान में आता है। यह हमारे पिता, दादा, चाचा, बाबा, नाना व नानी आदि में से कोई भी हो सकता है। हमने जिनकी गोद में बचपन बिताया है। उनके सम्मान के लिए यह दिन खास है। बुजुर्गों के सम्मान व आशीर्वाद के साथ हमारा थोड़ा सा प्रयास हमें तरक्की की राह में आगे बढ़ाता है। बदलते परिवेश में बुजुर्ग बच्चों के लिए बोझ से हो चुके हैं। इसके कारण समाज में वृद्धाश्रम जैसी संस्था सामने आई हैं। यहां बुजुर्गों के सम्मान को बचाए रखने के लिए उम्र के अंतिम पढ़ाव में उनकी देखरेख होती है।

------------

टूटे परिवार ने बुजुर्गो से बढ़ाई दूरी

समाज में अब एकल परिवार का चलन बढ़ा है। ऐसे में पति-पत्नी दोनों या फिर दोनों में एक पहले तो नौकरी के नाम से घर से बाहर जाते हैं। इसके बाद परिवार के साथ वह बाहर रहने लगते हैं। धीरे से वह पत्नी व बच्चों को भी अपने साथ ले जाते हैं। इसके बाद परिवार में केवल माता-पिता या फिर अन्य बुजुर्ग ही शेष बचते हैं। शहर में उनके पास इतनी जगह भी नहीं होती कि वह बुजुर्गों को अपने साथ रख सकें। बहुत से लोगों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर नहीं होती कि वह अन्य लोगों के लिए खर्च बचा सकें। ऐसे में परिवार से दूरियां बढ़ती जाती हैं। उम्र के अंतिम पड़ाव में जब बुजुर्गों को किसी के साथ ही जरूरत होती है तो उनकी मदद को कोई नहीं होता है। लिहाजा, बहुत से वृद्धों को वृद्धाश्रम में सहारा लेना पड़ता है। बुजुर्गों के लिए आश्रम संचालित करने वाले आलोक राय दावा करते हैं कि आश्रम घर तो नहीं हो सकता लेकिन यहां बुजुर्गों के सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाती है। उनके लिए भोजन, कपड़ा, दवा, मनोरंजन आदि की सुविधा नि:शुल्क मुहैया कराई जाती है। तमाम बुजुर्ग अपने परिवार की बातें भी एक दूसरे को बताते रहते हैं।

 

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'