कौशाम्बी। सड़कों पर इन दिनों मवेशियों का कब्जा है। गांव के लोग बिना कुछ सोचे सीधे मवेशियों को घरों से निकालकर सड़क पर बांध देते हैं। ऐसे में इन सड़कों से होकर गुजरने वाले गांव के लोगों के साथ ही बाहरी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों के इस रवैया को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे सड़क के किनारे मवेशी बांधने की परंपरा बंद नहीं हो रही है। कौशाम्बी जिले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एक नई परंपरा बनती जा रही है। लोग अपने पालतू मवेशियों को घर से निकाल कर सड़क के किनारे बांध देते हैं। पटरी पर बांधे गए इन मवेशियों को पूरी सड़क पर कब्जा सा हो जाता है। इसके बाद हर आने जाने वाले लोगों को इन मवेशियों के चलते परेशानी होती है। सब से अधिक समस्या ग्रामीण सड़कों पर बंधे मवेशियों से होती है। इन सड़कों पर खड़ंजा के अलावा पटरी नहीं होती। ऐसे में मवेशी बंध जाने से इतना भी स्थान नहीं मिलता जिससे की कोई निकल सके। लोग किसी तरह से इन सड़कों से होकर गुजरते हैं तो इन्हें गंदगी का सामना भी करना पड़ता है। कई बार मवेशी आक्रामक हो जाते हैं। ऐसे में हादसे की संभावना भी बनी रहती है। सड़कों पर मवेशी बांधने वाले स्थानीय होते हैं। ऐसे में कोई बहरी चाहकर भी इनका विरोध नहीं कर सकता। सब से खराब स्थित सिराथू तहसील के गंभीरा पूरब गांव की है। यहां के रहने वाले तमाम लोग मवेशियों को सड़क के किनारे बांधे हुए है। ऐसे में इन सड़क को होकर गुजरने वाले लोगों को परेशान होना पड़ता है। इसी प्रकार ओसा, गुवारा, समदा गांव, भरसवां आदि गांव में लोगों ने अपने-अपने पालतू जानवरों को सड़क के किनारे बांध रखा है। जिसके कारण आए दिन लोग परेशान हो रहे हैं। इसको लेकर जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठा रहे। गंभीरा पूरब निवासी विकास कुमार ने बताया कि उनके गांव में तमाम स्थानों पर लोगों ने सड़क के किनारे जानवारों को बांध रखा है। बाइक या फिर अन्य वाहन लेकर निकलना दूभर हो रहा है।